जैविक खेती को बढावा देने हेतु सहायता
- परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के अन्तर्गत जैविक खेती को बढावा देने हेतु यह कलस्टर आधारित कार्यक्रम है जिसमे 50 एकड अथ्वा 20 हैक्टेयर क्षेत्र का एक कलस्टर में जैविक खेती का कार्यक्रम लिया जाता है।
- परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कलस्टर एप्रोच एवं पी.जी.एस. सर्टिफिकेशन के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाता है।
- इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षित कृषि को बढावा देकर पैदावार में वृदि हेतु रासयनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम की जा सकती है।
- राज्य के सभी जिलों में कुल 1150 कलस्टर्स क्रियान्वित किये जा रहे है।
देय लाभ
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत प्रथम वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
क्र सं | कम्पोनेन्ट/गतिविधि | कृषकों को देय सहायता |
1 | भूमि का जैविक परिवर्तन | रूपये 1000/- प्रति एकड प्रति कृषक |
2 | फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता | रूपये 500/- प्रति एकड प्रति कृषक |
3 | परम्परागत जैविक आदान उत्पादन ईकाई की स्थापना | 1500/- रूपये प्रति इकाई की स्थापना हेतु प्रति कृषक |
4 | ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता | रूपये 1000/- प्रति एकड प्रति कृषक (प्रथम वर्ष) |
5 | वनस्पतिक काढा इकाई की स्थापना | 1000/- रूपये प्रति ईकाई/एकड की दर से प्रति कृषक |
6 | फॉस्फेट युक्त जैविक खाद का प्रयोग | फॉस्फेट रिच जैविक खाद का प्रयोग करने हेतु रूपये 1000/- प्रति एकड प्रति कृषक |
7 | वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण | कलस्टर क्षेत्र में चयनित प्रत्येक कृषक द्वारा वर्मीकम्पोस्ट ईकाई का निर्माण करने पर (आकार 7 फीट लम्बाई , 3 फीट चौडाई व 1 फीट उंचाई) रूपये 5000/- प्रति ईकाई |
8 | तरल बायोफर्टिलाइजर का उपयोग | रूपये 500/- प्रति एकड प्रति कृषक |
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत द्वितीय वर्ष में कम्पोनेन्ट/गतिविधिवार कृषकों को देय सहायता।
क्र सं | कम्पोनेन्ट/गतिविधि | कृषकों को देय सहायता |
1 | भूमि का जैविक परिवर्तन | रूपये 1000/- प्रति एकड प्रति कृषक |
2 | फसल पद्धति एवं जैविक बीज हेतु सहायता | रूपये 500/- प्रति एकड प्रति कृषक |
3 | ढेंचा/ सनई प्रयोग हेतु सहायता | रूपये 500/- दितीय वर्ष एवं रूपये 500/- तृतीय वर्ष प्रति एकड |
4 | तरल बायोपेस्टीसाईड के उपयोग पर सहायता | रूपये 500/- प्रति एकड प्रति वर्ष |
5 | नीम केक/नीम तेल पर सहायता | रूपये 500/- प्रति एकड प्रति वर्ष |
6 | जैविक उत्पादो पर पैकिंग, लेबलिंग एवं ब्रान्डिंग पर सहायता। | रूपये 1250/- प्रति एकड द्वितीय व रूपये 1250/- प्रति एकड तृतीय वर्ष के लिए |
पात्रता
- कृषक के स्ंवय के नाम से भूमि।
- कम से कम 0.4 हैक्टेयर भूमि आवश्यक। 0.4 हैक्टेयर से भूमि कम होने पर अनुपातिक सहायता देय।
- चयनित कृषक को तीन वर्ष तक विभिन्न गतिविधियों हेतु सहायता का प्रावधान।
आवेदन प्रक्रिया
- कलस्टर (गॉव तथा किसान) का चयन कृषि पर्यवेक्षक द्वारा बैठक आयोजित कर किया जावेगा।
- चयनित कृषक द्वारा जमाबंदी, फोटो, आधारकार्ड, भामाशाह कार्ड, बैंक खाता संख्या आदि कृषि पर्यवेक्षक को उपलब्ध करवाई जायेगी ।
- विभिन्न गतिविधियों के पूर्ण होने पर भौतिक सत्यापन के उपरान्त कृषक के खाते में अनुदान राशि का सीधा हस्तान्तारण (डी.बी.टी.) किया जाता है।
कहां सम्पर्क करें
- ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय
- पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय
- उप जिला स्तर पर :- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय
- जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद कार्यालय