शिक्षण प्रशिक्षण ( मछुआरों का प्रशिक्षण )
योजना का नाम
शिक्षण प्रशिक्षण ( मछुआरों का प्रशिक्षण )
सम्बद्ध
राज्य योजना
योजना का उद्देश्य
सभी श्रेणी के मछुओं को मछली पालन की तकनीकी एवं मछली पकड़ने, जाल बुनने, सुधारने एवं नाव चलाने का प्रशिक्षण, मत्स्यबीज उत्पादनसंवर्धन कार्य |
योजना का स्वरूप एवं आच्छादन
प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों को उनके निवास स्थान से प्रशिक्षण केन्द्र तक आने जाने का एक बार का वास्तविक किराया या अधिकतम राशि रू. 100- एवं रू. 750- की छात्रवृत्ति दी जाती है । जाल बुनने के लिए रू. 400- मूल्य का नायलान धागा भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है । इस प्रकार प्रति प्रशिक्षणार्थी रू. 1250- का व्यय किया जाता है यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में संचालित है ।
योजना कैसे प्राप्त करें
चयन किए गए मछुआरों को जिले में सिथत मत्स्योत्पादन मत्स्यबीज उत्पादन केन्द्रों पर विभाग के अधिकारियों द्वारा सैद्धानितक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाता है । जिला पंंचायत की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें 2 नामांकित अशासकीय सदस्य तथा सहायक संचालक मत्स्योधोग होते हैं, द्वारा मछुआरों का चयन किया जाता है जिसमें विभाग द्वारा 15 दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण दिया जाता है ।
यह योजना किसके लिए है
मछुआ सहकारी समितियों के सक्रिय सदस्यस्व सहायता समूह के सदस्यमत्स्य कृषक विकास अभिकरण का हितग्राहीमत्स्यबीज उत्पादक संवर्धनकर्ता, मत्स्य पालन गतिविधियों में संलग्न व्यकित, तालाबजलाशय पटटे पर लेकर मत्स्य पालन करने वाला हितग्राही ।
प्रशिक्षण अवधि
15 दिवस
सरकार के तरफ से अनुदान
प्रति प्रशिक्षणार्थी रू. 1250- का प्रावधान है ।