मछुआ आवास योजना

मछुआ आवास योजना

योजना का नाम   

मछुआ आवास योजना।

सम्बद्ध 

केन्द्र प्रवर्तित योजना

योजना का उद्देश्य        

प्रदेश की अधिकांश मछुआ आबादी, नदी, नालों, तालाबों, एवं जलाशयों के किनारे ग्रामीण/नगर निकाय क्षेत्रों में निवास करती है जिनके आवास प्रायः कच्चे तथा जीर्णशीण अवस्था में होते हैं। मध्य प्रदेश के ग्रामीण/निकाय क्षेत्रों के ऐसे मछुआ परिवार जो मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं को मूलभूत सुविधाएं जैसे सुरक्षित आवास, शुद्ध पेयजल, सामुदायिक भवन आदि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मछुआ आवास योजना क्रियान्वित है ।

योजना का स्वरूप एवं आच्छादन

  1. योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के जिलों में किया जावेगा। ग्रामीण/नगर निकाय क्षेत्रों में निवासरत क्रियाशील मछुआरों का प्रारंभिक चयन मत्स्योद्योग विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा किया जाकर ग्राम पंचायत/नगर निकाय की अनुशंसा एंव प्रमाणीकरण पश्चात् प्रकरण जिला स्तरीय चयन समिति को हितग्राहियो के चयन हेतु प्रस्तुत किए जावेंगे ।
  2. एक मछुआ आवास की न्यूनतम लागत रूपये 50,000/- (पच्चास हजार रूपये मात्र) निर्धारित है, जो हितग्राही को शतप्रतिशत अनुदान के रूप में देय होगी । शासन की अनुदान राशि रूपये 50,000/- में केन्द्रांश एवं राज्यांश 50:50 है ।
  3. मछुआ आवास हेतु प्रस्तावित रूपये 50,000/- की लागत से संलग्न प्लान/प्राक्कलन अनुसार न्यूनतम 35 वर्गमीटर के आवास का निर्माण किया जावेगा ।
  4. आवास में एक कमरा, रसोई का स्थान, बरामदा एवं शौचालय/स्नानगाह का स्थान रहेगा ।
  5. मछुआ हितग्राही यदि चाहे तो आवश्यकता अनुसार स्वंय की योगदान राशि बढ़ाकर स्वंय के व्यय से आवास निर्माण कर सकेगा।
  6. मछुआ हितग्राही, आवास का निर्माण पृथक रूप से स्वंय की भूमि पर निर्धारित अभिन्यास के अनुसार करेगा ।
  7. मछुआ आवास निर्माण क्लस्टर में होने पर, एक समान अभिन्यास के अनुसार निर्माण किया जावेगा तथा बाहरी आवरण एवं रंगरोगन निर्धारित योजना अनुसार किया जाना अनिवार्य होगा ।
  8. 10 से 20 आवासों के निर्माण पर एक ट्यूबवेल लागत रूपये 30,000/- एवं 75 आवास निर्माण पर 1 कम्यूनिटी हॉल लागत रूपये 1,75,000/- का निर्माण किया जावेगा ।

 

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया         

  1.   संबंधित विकास खण्ड के मत्स्योद्योग विभाग के अधिकारी मत्स्य पालन / मत्स्याखेट / मत्स्य विक्रय / मत्स्यबीज उत्पादन आदि कार्यों में संलग्न क्रियाशील मछुआरों से निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन मय भूमि के नक्शा/खसरा (यदि हो तो) सहित प्राप्त करेंगे ।
  2.  मछुआ हितग्राही जहां मछुआ आवास का निर्माण करना चाहता हैं उस संबंधित ग्राम पंचायत/निकाय का निर्धारित आवेदन पत्र में अनुशंसा एवं प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा ।
  3.   आवेदन पत्र प्राप्त होने पर संबंधित विकास खण्ड के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, हितग्राही की पात्रता जैसे वह मछुआ है उसकी आजीविका का प्रमुख आधार मत्स्य पालन /मत्स्याखेट/मत्स्य विक्रय/मत्स्यबीज उत्पादन है, हितग्राही के पास आवास हेतु भूमि उपलब्ध है हितग्राही को गरीबी रेखा सर्वे क्रमांक आवंटित है वह समिति/ समूह का सदस्य है अथवा नहीं, संबंधी सत्यापन करेंगे तथा प्रमाण पत्र अंकित करेंगे ।
  4.  विभाग के सहायक यंत्री / उपयंत्री स्थल का निरीक्षण कर उपयुक्तता प्रमाण पत्र देगें एवं सतत् निरीक्षण कर निर्धारित प्लान/प्राक्कलन अनुसार कार्य कराए जाने हेतु जिम्मेदार होंगे।
  5.  जिला स्तर पर, प्राप्त समस्त आवेदन पत्रों का परीक्षण संबंधित जिले के सहायक संचालक मत्स्योद्योग द्वारा किया जावेगा। आवेदन उपयुक्त पाए जाने पर आवेदन पत्र पर अपनी सहमति अंकित कर अग्रिम कार्यवाही करेंगे ।
  6.  मछुआ आवास हेतु प्राप्त आवेदन पत्र पर उपरोक्त कण्डिका क्र0- 3.1 से 3.5 अनुसार कार्यवाही पूर्ण करने की अवधि 30 दिवस निर्धारित है। सम्बन्धित विभागीय जिला अधिकारी निर्धारित समयावधि में कार्यवाही पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगें।
  7.  जिला स्तर पर उपयुक्त पाए गए समस्त आवेदकों का चयन ‘‘जिला स्तरीय चयन कमेटी” द्वारा किया जावेगा ।
  8. ‘‘जिला स्तरीय चयन कमेटी” में जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष, पदेन अध्यक्ष होंगे । मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत या उनके द्वारा नामांकित अधिकारी एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति द्वारा नामांकित एक अशासकीय सदस्य, सदस्य होंगे । जिले के सहायक संचालक मत्स्योद्योग पदेन सचिव होंगे ।
  9.   जिला स्तरीय चयन कमेटी 15 दिवस में हितग्राहियों का चयन करेगी। निर्धारित समय अवधि में चयन न होने की स्थिति में जिले के कलेक्टर अधिकृत होगें, कि वे स्वयं के निर्णय से 07 दिवस में हितग्राहियों का चयन पूर्ण कर अग्रिम कार्यवाही करावें।
  10.  चयनित सूची का अनुमोदन जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से कराया जाना होगा ।
  11.  जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति द्वारा यदि 45 दिवस में हितग्राहियों की चयनित सूची का अनुमोदन नही करती है, तो जिले के कलेक्टर अधिकृत होगें, कि वे हितग्राहियों की चयनित सूची का अनुमोदन कर अग्रिम कार्यवाही करावें।
  12. हितग्राहियों की चयनित सूची का प्रदर्शन एवं वाचन सम्बन्धित ग्राम सभा में किया जावेगा।

हितग्राही की अर्हताएं           

  1. मत्स्य पालन विभाग द्वारा चिन्हित मत्स्य पालन / मत्स्याखेट / मत्स्य  विक्रय / मत्स्यबीज उत्पादन आदि कार्यों में संलग्न क्रियाशील मछुए ।
  2. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले एवं भूमि विहीन, आवास विहीन मछुआ को प्राथमिकता ।
  3. मछुआ जिसकी स्वयं की भूमि या कच्चा स्ट्रक्चर हो वो भी आवास हेतु मान्य ।
  4. एक मछुआ परिवार को एक आवास की पात्रता होगी ।

प्रशिक्षण अवधि      

निरंक

अनुदान राशि    

  1. आवास निर्माण की लागत रूपये 50,000/- का भुगतान निम्नानुसार चार कि़स्तों में हितग्राही को, बैंक खाते के माध्यम से किया जावेगा ।
  2. आवास निर्माण की किस्त, अनुदान राशि, कराये जाने वाले कार्य का विवरण निम्न तालिका अनुसार निर्धारित है ।

 

कि़स्त अनुदान राशि रू. कार्य विवरण प्रथम 10000/- नीव की खुदाई, कुर्सी भराई, द्वितीय 15000/- छत स्तर तक पक्की दीवारों का निर्माण,खड़की, दरवाजे लगाना आदि
तृतीय 15000 अन्दर, बाहर सीमेंट प्लास्टर, छत निर्माण पुताई सहित समस्त कार्य, चतुर्थ 10000 आवास से जुडे साधन जैसे रोड, नाली, बिजली की व्यवस्था तथा स्वच्छता से जुडे कार्य आदि
कि़स्त अनुदान राशि रू. कार्य विवरण प्रथम 10000/- नीव की खुदाई, कुर्सी भराई, द्वितीय 15000/- छत स्तर तक पक्की दीवारों का निर्माण,खड़की, दरवाजे लगाना आदि
तृतीय 15000 अन्दर, बाहर सीमेंट प्लास्टर, छत निर्माण पुताई सहित समस्त कार्य, चतुर्थ 10000 आवास से जुडे साधन जैसे रोड, नाली, बिजली की व्यवस्था तथा स्वच्छता से जुडे कार्य आदि
कि़स्त अनुदान राशि रू. कार्य विवरण प्रथम 10000/- नीव की खुदाई, कुर्सी भराई, द्वितीय 15000/- छत स्तर तक पक्की दीवारों का निर्माण,खड़की, दरवाजे लगाना आदि

 

हितग्राही को प्रथम किश्त का भुगतान अग्रिम किया जावेंगा ।
  1.   उक्त तालिका अनुसार कार्य कराये जाने पर नियमानुसार कार्य के मूल्यांकन पश्चात् क्रमशः अग्रिम किश्त का भुगतान बैंक के माध्यम से किया जावेंगा ।
  2.   कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्य स्थल का, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ किश्त जारी करने के पूर्व किये गये कार्यों के तथा कार्य पूर्ण होने पर आवास के फोटोग्राफ लिये जाये तथा रिकार्ड संधारित किया जावे ।
  3.  किश्तों का भुगतान कंडिका 4.2 अनुसार कार्य पूर्ण होने पर तथा हितग्राही के आवेदन पर संबंधित मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी तथा सहायक यंत्री / उप यंत्री के स्थल निरीक्षण, मूल्यांकन, प्रस्तुती उपरांत अनुशंसा पर बैंक के माध्यम से प्रदाय की जावेगी ।
  4. हितग्राही के कार्य पूर्ण होने संबंधि आवेदन पत्र प्राप्त होने के दिनांक से 15 दिवस की अवधि में उक्त कण्डिका 4.5 अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर, किश्तों का भुगतान बैंक के माध्यम से तत्काल किया जाना अनिवार्य होगा।
  5.  मछुआ हितग्राही कच्चा/अर्द्ध पक्के आवास के स्थान पर योजनान्तर्गत् न्यूनतम 35 वर्गमीटर का निर्माण कर सकेगा
  6.   हितग्राही अपने स्वामित्व के खाते की भूमि पर भी इन आवासों को बनाने के लिये पात्र होंगे ।
  7.   स्वंय का भू-खण्ड उपलब्ध नहीं होने के स्थिति में ग्राम पंचायत / तहसीलदार से प्राप्त भू-खण्ड के पट्टे पर आवास का निर्माण किया जा सकेंगा ।
  8.  भूमिहीन/आवासहीन मछुआ हितग्राहियों को नियमानुसार आवंटित, शासकीय भूमि में सामूहिक रूप से आवास निर्माण का कार्य भी कराया जा सकेगा ।
  9. आवास निर्माण का कार्य, निर्माण सामग्री की व्यवस्था, हितग्राही स्वंय करेगा ।
  10. यदि किसी ग्राम में 10 से 20 से अधिक मछुआ आवास का निर्माण होने के स्थिति में आवासों के मध्य 1 ट्यूबवेल खनन किया जाकर पम्प को संधारित किया जावेगा । जिसका संधारण ग्राम पंचायत / लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया जावेगा ।
  11. 75 मछुआ आवासो के मछुआ ग्राम में, मछुआ हितग्राहियों के सामाजिक कार्यों हेतु 200 वर्ग मीटर का सामुदायिक भवन लागत राशि रूपये 1.75 लाख से कराया जावेगा ।
  12. यदि चयनित हितग्राही योजना अनुसार निर्माण कार्य नहीं करता है तथा राशि का दुरूपयोग करता है तो उसके प्रस्ताव को निरस्त कर, समस्त विभागीय योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जावेगा तथा भविष्य में किसी भी विभागीय योजना का लाभ नहीं दिया जावेगा।
स्त्रोत: मछुआ कल्याण मत्स्य विभाग विभाग, मध्यप्रदेश