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जल्द शुरू होगी प्याज की सरकारी खरीद, किसानों को मिलेंगे प्याज के अच्छे भाव

Pyaj ki Sarkari kharid

प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार जल्द ही देश के किसानों से रबी सीजन के प्याज की खरीद शुरू करने जा रही है। केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) को बफर स्टॉक के लिए सीधे किसानों से 5 लाख टन प्याज की खरीदी शुरू करने के लिए कहा है। रबी सीजन की प्याज मंडियों में आना शुरू हो गई है वहीं प्याज निर्यात पर जारी प्रतिबंध के कारण किसानों को उचित दाम मिल सके इसके लिए सरकार ने प्याज की सरकारी खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है।

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अगले दो-तीन दिनों में 5 लाख टन रबी प्याज़ की खरीद शुरू की जाएगी। आमतौर पर सरकार बफर स्टॉक के लिए प्रचलित मंडी भाव पर ही प्याज की खरीदती है। ऐसे में सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यदि प्याज के भाव किसानों की लागत मूल्य से भी नीचे चला जाता है तो कम से कम किसानों को लागत मिल सके इस बात का ध्यान रखा जाएगा।

रबी सीजन में अधिक होता है प्याज का उत्पादन

देश के वार्षिक प्याज उत्पादन में रबी प्याज की हिस्सेदारी 72 से 75 फीसदी तक होती है। साथ ही खरीफ प्याज़ की तुलना में रबी प्याज की शेल्फ लाइफ भी अधिक है और इसे नवम्बर-दिसंबर तक स्टोर किया जा सकता है, इसलिए साल भर प्याज़ की उपलब्धता बनाये रखने के लिए रबी सीजन का प्याज महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने 2023-24 (अप्रैल-मार्च) सीजन में 6.4 लाख टन प्याज खरीदा था, जिसमें जून में शुरू हुए रबी फसल की 5 लाख टन प्याज भी शामिल थी। इसमें से केवल 25 हजार टन प्याज ही बफर स्टॉक में है, जबकि शेष प्याज को बाजार में बेचा जा चुका है।

किसानों को करना होगा पंजीयन

साल 2023-24 में केंद्र सरकार ने रबी एवं खरीफ दोनों सीजन में बाफ़र स्टॉक के लिए 6.4 लाख टन प्याज़ की खरीद की थी। पिछले साल जून में प्याज की खरीद शुरू की थी लेकिन इस वर्ष सरकार पहले से ही किसानों से प्याज खरीदने जा रही है। प्याज खरीद के लिये भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) को किसानों का पंजीकरण कराना होगा ताकि किसानों को भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण DBT के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजा जा सके।

मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अभी महाराष्ट्र में प्याज़ की औसत मंडी (थोक) कीमतें 13 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम है जो पिछले वर्ष से लगभग दोगुनी हैं। फिर भी सरकार ने हस्तक्षेप करने का फैसला लिया है ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। सरकार ने कभी भी लागत से कम कीमतों पर किसानों से प्याज नहीं खरीदा है। पिछले रबी सीजन में औसतन 17 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर प्याज खरीदा गया था।

प्याज उत्पादन में आई गिरावट

कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2023-24 में प्याज का उत्पादन लगभग 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह लगभग 302.08 लाख टन था। प्याज उत्पादन में गिरावट का यह लगातार दूसरा साल है। साल 2021-22 में प्याज का उत्पादन 316.87 लाख टन था। इस साल रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 193 लाख टन रहने का अनुमान है जो के साल पहले 236 लाख टन रहा था। पिछले दो सालों में प्याज उत्पादन में लगभग 19 फीसदी की गिरावट आई है।

इन देशों में प्याज के निर्यात को दी गई मंजूरी

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि सरकार ने उन पड़ोसी देशों को निर्यात की अनुमति दे दी है जो अपनी घरेलू खपत आवश्यकताओं के लिए भारत पर निर्भर हैं। सरकार ने भूटान (550 मीट्रिक टन), बहरीन (3,000 मीट्रिक टन), मॉरीशस (1,200 मीट्रिक टन), बांग्लादेश (50,000 मीट्रिक टन) और संयुक्त अरब अमीरात (14,400 मीट्रिक टन यानी 3,600 मीट्रिक टन/तिमाही) को प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।

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