Home किसान समाचार औषधीय पौधों की खेती से किसानों को मिलेगा कई गुना दाम: मुख्यमंत्री

औषधीय पौधों की खेती से किसानों को मिलेगा कई गुना दाम: मुख्यमंत्री

CIMAP Kisan Mela

औषधीय पौधों से किसानों की आमदनी

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को परम्परागत फसलों को छोड़ को नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इस क्रम में लखनऊ में सीएसआईआर-सीमैप द्वारा किसान मेले का आयोजन किया गया। मेले का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को सह-फ़सली खेती के साथ-साथ औषधीय फसलों की खेती करने पर जोर दिया है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अन्नदाता किसानों को परंपरागत खेती से दोगुना दाम तो मिल ही रहा है, लेकिन जिन किसानों ने सह फसली खेती के साथ-साथ औषधीय तथा सुगंधित औषधीय खेती, बाग़वानी को बढ़ावा दिया तथा हर्बल उत्पादों को प्रोत्साहित किया, ऐसे किसानों को लागत का कई गुना अधिक दाम मिल रहा है। यह अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन का एक बड़ा माध्यम बना है।

किसान इस तरह बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसानों को सह-फसली लेने, इनके द्वारा विकसित की गई प्रजाति को और अधिक प्रमोट करने के लिए उनका सहयोग ले सकते हैं। इसके साथ ही औषधीय पौधों तथा फसल विविधीकरण जैसे अन्य क्षेत्रों में भी इनका सहयोग लेकर किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाने का कम किया जा सकता है। यदि किसानों को समय पर उन्नत किस्म के बीज, तकनीक तथा वैज्ञानिक सलाह मिल जाए तो वे अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

मेले में आय 15 राज्यों के किसान

किसान मेले के उद्घाटन करते समय मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजार से लिंक कर ईको-सिस्टम कैसे तैयार होता है, यह यहाँ प्रदर्शनी में देखने को मिला। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मेले में 15 राज्यों के लगभग 04 हजार किसानों के अतिरिक्त, प्रदेश के बारांबकी, संभल, अमरोहा आदि जनपदों के किसानों के साथ-साथ लखीमपुर खीरी के जनजाति समुदाय से जुड़े लोग भी आए हैं। यह लोग खेती की उन्नत किस्म को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को प्रदेश में स्थित 89 कृषि विज्ञान केंद्रों, 04 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि, बागवानी, आयुष आदि क्षेत्रों से जुड़े वैज्ञानिकों तथा लोगों को समय-समय पर सीमैप, सीडीआरआई, एनबीआरआई तथा आईआईटीआर लेबोरेटरीज की विज़िट कराई जानी चाहिए ताकि इनकी क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का कार्य किया जा सके। इस दिशा में तेजी के साथ प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

किसानों की आय में होगी कई गुना वृद्धि

सीमैप द्वारा उन्हें बताया गया कि संस्थान ने अलग-अलग क्लस्टर विकसित किए हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रदेश के सभी 89 कृषि विज्ञान केंद्रों में क्लस्टर विकसित कर नए तरीके से किसानों के समूह को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं। यदि हम औषधीय पौधों की खेती, प्रोसेसिंग तथा मार्केटिंग को इसके साथ जोड़ लें, तो कई गुना अधिक लाभ किसानों को प्राप्त होगा।

यदि किसान परम्परागत खेती के अन्तर्गत प्रति एकड़ प्रति वर्ष 20 से 25 हजार रुपये कमा रहा है, तो औषधीय पौधों की खेती में वही किसान सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष कमा सकता है। इस दिशा में सीमैप तथा अन्य केंद्रीय लेबोरेटरीज द्वारा प्रयास प्रारंभ किया गया है। यदि सभी मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाएँगे, तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे।

किसानों को किया गया औषधीय पौधों का वितरण

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किसानों को उन्नतशील प्रजातिओं की पौध रोपण सामग्री का वितरण किया। उन्होंने किसान मेले की स्मारिका तथा कृषि की उन्नतशील प्रजातिओं पर केंद्रित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हर्बल उत्पाद, ऐलोवेरा जेल तथा वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एरोमा ऐप का शुभारंभ किया। साथ ही किसान मेले में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन कर पौधारोपण किया।

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