Home किसान समाचार सहजन (मोरिंगा) की खेती पर सरकार दे रही है 37,500 रुपये प्रति...

सहजन (मोरिंगा) की खेती पर सरकार दे रही है 37,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी,अभी आवेदन करें

sahajan drumstick ki kheti subsidy avedan

अनुदान पर करें सहजन (मोरिंगा) की खेती

सहजन एक बहुराष्ट्रीय सब्जी देने वाला पौधा है | इसके सभी भागों का उपयोग आजकल किया जा रहा है जिससे इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है| सहजन का उपयोग आज के समय में भोजन, दवा, पशुचारा आदि कार्यों में किया जाता है | सहजन में प्रचुर मात्रा में विटामिन एवं पोषक तत्व पाये जाते हैं | सहजन का फुल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में व्यवहार होता है | इसकी छाल, पत्ती, बीज, गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवाएँ तैयार की जाती है | इतना ही नहीं, सहजन के पत्ती मवेशियों के चारा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है | इतने सारे उपयोग होने के कारण सहजन की खेती लाभकारी बन गई है और सरकार सहजन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी दे रही है |

बिहार राज्य सरकार सहजन कि खेती को बढ़ाने के लिए सहजन का क्षेत्र विस्तार योजना स्वीकृत किया है | योजना के तहत वर्ष 2019–20 और 2020-21 दो वर्ष के लिए 353.585 लाख रूपये खर्चकिये जाने हैं | जबकि चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना पर 230.15 लाख रूपये व्यय किया जायेगा | इस योजना से जुडी सभी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

सहजन Drumstick की खेती हेतु सब्सिडी का लाभ 

सहजन क्षेत्र विकास योजना के तहत बिहार के मुख्य रूप से दक्षिण बिहारके 17 जिलों में क्रियान्वयन किया जायेगा | यह इस जिला इस तरह है – गया, औरंगाबाद, नालन्दा, पटना, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बाँका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं शेखपुरा |

सहजन की खेती पर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी

कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने बताया की सहजन का क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम का प्रति हेक्टेयर इकाई लगत 74,000 रूपये आकलित की गई है, जिसमें इकाई लागत का 50 प्रतिशत अर्थात 37,000 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से 2 किश्तों में 75:25 में सहायता अनुदान देने का प्रावधान किया गया है | अर्थात किसानों को प्रथम वर्ष में 27,750 रूपये एवं दिवतीय वर्ष में 9,250 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान देय होगा | ज्ञातव्य हो कि द्वितीय वर्ष में 90 प्रतिशत सहजन का पौधा जीवित रहने पर ही अनुदान की राशि दी जाएगी|

सहजन की उन्नत प्रभेद कौन – कौन है ?

गाँव – देहात में सहजन बिना किसी देख-भाल के किसान अपने घरों के आस–पास कुछ पेड़ लगाकर रखते हैं, जिसका फल का उपयोग वे साल में एक या दो बार सब्जी के रूप में करते हैं | भारत में सहजन के पारम्परिक प्रभेद के अतिरिक्त उन्नत प्रभेद पी.के.एम. – 1, पी.के.एम. – 2, कोयम्बटूर – 1, और कोयम्बटूर – 2, की खेती की जाती है |

सहजन की खेती के लिए सब्सिडी लेने हेतु आवेदन

इस योजना के संबंध में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने कृषि समन्वयक / प्रखंड उधान पदाधिकारी / प्रखंड कृषि पदाधिकारी / सहायक निदेश, उधान / जिला कृषि पदाधिकारी से सम्पर्क कर सहजन की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं |

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

Notice: JavaScript is required for this content.

4 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version