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पूसा कृषि मेले में किसानों ने खरीदे उन्नत किस्मों के 1100 क्विंटल से अधिक पूसा बीज

pusa krishi mela 2022

पूसा कृषि मेला 2022

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में अभी कृषि मेला 2022 चल रहा है। कृषि विज्ञान मेला के दुसरे दिन भी देशभर से आये हजारो किसान ने मेले का लाभ लिया। मेले की प्रमुख थीम “तकनीकी ज्ञान से आत्म-निर्भर किसान” है। मेले के दूसरे दिन भी देश भर से लगभग 12,000 किसानों ने भाग लिया एवं 1,100 क्विंटल से अधिक पूसा बीज की किसानों द्वारा खरीद की गई।

मेले के दूसरे दिन 4 तकनीकी चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को स्मार्ट कृषि; प्राकृतिक खेती; उच्च उत्पादकता के लिए हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक कृषि; और समृद्धि के लिए कृषि निर्यात के बारे में बताया गया।

किसानों को वितरित की गई यह उन्नत क़िस्में

पूसा मेले में किसानों को बासमती चावल की झुलसा एवं झोंका रोग रोधी तीन किस्में पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886 का बीज भी वितरित किया जा रहा है ताकि वे इन नवीन क़िस्मों का बीज निर्माण स्वयं भी कर सकें। नई फसल किस्मों के लाइव प्रदर्शन, सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती के प्रदर्शन और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ICAR के संस्थानों तथा निजी कंपनियों द्वारा विकसित कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी और बिक्री पर अपनी रुचि दिखाई। इसके अलावा कृषि उत्पादों और कृषि रसायनों का प्रदर्शन और बिक्री, नवोन्मेषी किसानों द्वारा विकसित उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री ने भी जनसमूह को आकर्षित किया।

मेले के दूसरे दिन किसानों को दी गई यह जानकारी

स्मार्ट/डिजिटल कृषि, एग्री स्टार्टअप एवं किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), जैविक तथा प्राकृतिक खेती, संरक्षित खेती/ हाइड्रोपोनिक/ एरोपोनिक/ वर्टिकल खेती, कृषि उत्पादों के निर्यात, प्रोत्साहन सलाह केंद्र। मेले में संस्थान द्वारा विकसित नवीन किस्मों की जानकारी दी जा रही है, वहीं पूसा संस्थान की अन्य नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियां, जैसे कि सौर उर्जा संचालित ‘पूसा-फार्म सन फ्रिज; पूसा डीकंपोजर, पूसा संपूर्ण जैव-उर्वरक (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम प्रदान करने वाला अनूठा तरल सूत्रीकरण) को भी प्रदर्शित किया गया है।

पूसा में आयोजित किए जा रहे इस कृषि मेले के पहले दिन देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 12000-15000 किसानों ने विभिन्न संस्थानों एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के विभिन्न संभागों द्वारा विकसित किस्मों और प्रौद्योगिकियों की जानकारी ली, साथ ही जीवित प्रदर्शनी, मॉडल एवं किसान परामर्श सेवाओं का लाभ उठाया।

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