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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: ऋणी किसान 24 जुलाई तक कर लें यह काम नहीं तो पछताना पड़ेगा

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फसल बीमा योजना पंजीयन

खरीफ फसलों की बुआई के साथ ही बोई गई फसलों के बीमा के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकांश राज्यों मेंप्रधानमंत्री फसल बीमा योजनामें नामांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। अतः जो किसान योजना से जुड़ना चाहते हैं वह किसान 31 जुलाई तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। वही राजस्थान सरकार ने राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ-2023 हेतु अधिसूचना जारी कर दी है। योजना के अंर्तगत ऋणी व गैर ऋणी किसान 31 जुलाई तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।

फसल बीमा योजना को सभी किसानों के लिये स्वैच्छिक कर दिया गया है अर्थात् ऋणी और गैर ऋणी किसान योजना के अंतर्गत अपना पंजीयन करा सकते है। परंतु ऋणी (जिन किसानों ने बैंक से फ़सली ऋण लिया है) किसानों को अंतिम तिथि के 7 दिन पहले ही योजना से बहार होने के लिए संबंधित बैंक में आवेदन करना होता है अन्यथा उन्हें योजना के तहत सम्मिलित कर लिया जाता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अलग होने के लिए क्या करें?

राजस्थान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत फसली ऋण लेने वाले किसान जिनकी फसल ऋण की सीमा को स्वीकृत किया गया हो अथवा ऋण वितरित किया गया हो, वह किसान फसल बीमा हेतु पात्र होंगे। ऋणी कृषकों हेतु यह योजना पूर्णतः स्वेच्छिक है, किन्तु ऐसे ऋणी किसान जो योजना से अलग होना चाहते हैं उनके अलग होने के लिए नामांकन की अंतिम दिनांक 24 जुलाई तक है। उन किसानों को अपने संबंधित बैंक में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जाएगा।

संबंधित बैंक फसल बीमा की कटौती करने से पूर्व कृषक से इस आशय का प्रमाणपत्र लेना सुनिश्चित करता हैं कि उसने बोई गई फसल का अन्य किसी बैंक से फसल बीमा नहीं करवाया है तथा ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना संबंधित बैंक को देने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2023 निर्धारित की गई है।

अऋणी किसानों को फसल बीमा पंजीयन के लिए करना होगा यह काम

वहीं ऐसे किसान जिसने किसी तरह का फ़सली ऋण नहीं लिया है वह अपनी इच्छा के अनुसार भूस्वामित्व के साक्ष्य, भूस्वामित्व प्रमाणपत्र, बैंक खाता संबंधी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति, अपना खाता पोर्टल से डाउनलोड की गई स्वयं प्रमाणित जमाबंदी, स्वप्रमाणित फसल बुवाई घोषणापत्र, बंटाईदार कृषक का शपथपत्र, बंटाईदार कृषक का राजस्थान का मूल निवास प्रमाणपत्र एवं बंटाईदार किसान के स्वयं द्वारा सत्यापित आधार कार्ड की प्रति इत्यादि दस्तावेजों से गैर ऋणी कृषक के रूप में फसल बीमा करा सकता है।  

किसानों को कितना प्रीमियम देना होगा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत किसानों को कपास फसल हेतु 5 प्रतिशत राशि व अन्य खरीफ फसलों हेतु 2 प्रतिशत प्रीमियम राशि देना होता है। अन्य राशि राज्य व केन्द्र सरकार बराबरबराबर अनुपात में वहन करती हैं। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाता है।

वहीं गैर ऋणी व बटाईदार कृषक अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/ वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी.एस.सी. के माध्यम से करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त गैर ऋणी किसान बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट/ मध्यस्थी, प्राधिकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एन.सी.आई.पी.) द्वारा भी फसल बीमा करवा सकते हैं।

किसान अवश्य करायें अपनी फसलों का बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात से होने वाले उपज में नुकसान को कवर करता है।

साथ ही फसल कटाई उपरान्त सूखने के लिए खेत में काट कर फैला कर छोडी गयी फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुये नुकसान के लिए कटाई उपरान्त अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए बीमा आवरण उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ना किसानों के लिए फायदेमंद है।

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2 COMMENTS

    • बिहार में फसल बीमा योजना नहीं हैं, वहाँ फसल सहायता योजना के तहत फसल नुक़सान होने पर मुआवज़ा दिया जाता है।

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