Home किसान समाचार लीची खाने से चमकी बुखार जैसी कोई बीमारी नहीं होती- कृषि मंत्री

लीची खाने से चमकी बुखार जैसी कोई बीमारी नहीं होती- कृषि मंत्री

lycheey se chamki bukhar

लीची से चमकी बुखार

पिछले वर्ष गर्मी के मौसम में चमकी नामक बीमारी से बिहार के मुज्जफरनगर जिले तथा इसके आस-पास के जिले में 150 से ज्यादा बच्चों की मृत्यु हो गई थी | इस बीमारी का मुख्य कारण लीची को माना गया था | लीची खाने वाले छोटे बच्चे को यह बीमारी लग रही थी | देश के लीची उत्पादन में बिहार का मुजफ्फरपुर जिला अग्रिम स्थान पर रहता है इसलिए इस बीमारी का केंद्र इस जिले को माना गया था | लेकिन बाद में वैज्ञानिकों / विशेषज्ञों से जाँच करने पर यह बात बिलकुल असत्य साबित हुई कि बच्चे में चमकी बुखार लीची खाने से हुआ है |

राज्य सरकार के द्वारा किसानों को लीची उत्पादन के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है | इस वर्ष बिहार राज्य सरकार के द्वारा लीची उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अलग से परियोजना तैयार की गई है | जिसके तहत 80 हजार लीची उत्पादक किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा | 3,000 एकड़ क्षेत्र में पुराने लीची बागों का जीर्णोद्धार किया जायेगा तथा नई तकनीक से लीची के नये बाग़ लगाये जायेंगे | मुजफ्फरपुर में लीची का एक स्टेट आफ द आर्ट बाग़ लगाया जायेगा, जहाँ आधुनिक तकनीक को प्रत्यक्षण एम प्रशिक्षण दिया जायेगा | इस कार्यक्रम में कोको कोला (इंडिया) द्वारा 1.7 बिलियन डालर राशि का निवेश किया जाना भी प्रस्तावित है |

लीची का फल स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक है

बिहार कृषि मंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में लीची फल के पोषणीय एवं औषधीय गुणों का उल्लेख किया गया है | भारत वर्ष में पिछले 400 वर्षों से लीची के फलों को खाया जाता रहा है | लीची के फलों में बायोएक्टिव यौगिक, विटामिन सी, एंटीआँकसीडेंट , पालीफेनोल्स, डाईएट्री फाईबर, विटामिन बी कम्प्लेक्स और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है, जो स्वास्थ्य के लाभदायक होता है |

अफवाहों पर ध्यान नहीं दें 

कृषि मंत्री ने किसानों तथा उपभोगता को यह आश्वस्त किया है कि लीची का फल स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और पूर्णत: सुरक्षित है | राज्य के लीची उत्पादक किसानों को परेशान करने के उद्देश्य से असामाजिक तत्वों द्वारा इस तरह की मनगढ़ंत अफवाह फैलाने का कार्य किया गया है | किसानों को एवं जन्य सामान्य को आगाह किया गया है इस प्रकार कि अफवाह से सावधान रहने कि जरूरत है |

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version