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पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बढ़ा इन खरीफ फसलों की बुआई का रकबा

kharif crop sowing report 2023

खरीफ फसल बुआई का रकबा 2023

मानसून के आगमन के साथ ही देश में खरीफ फसलों की बुआई का कार्य शुरू हो जाता है। इस वर्ष मानसून के देरी से आने एवं शुरू में कम वर्षा के चलते पहले तो बुआई की रफ्तार काफ़ी सुस्त थी परंतु बाद में अच्छी वर्षा के बाद खरीफ फसलों की बुआई ने रफ्तार पकड़ ली है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 28 जुलाई 2023 तक खरीफ फसलों के अंतर्गत क्षेत्र कवरेज की प्रगति पर रिपोर्ट जारी की है।

कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 237.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई कि गई है, जो कि इस अवधि में पिछले साल के मुकाबले 1.71 फीसदी अधिक है। जिससे इस वर्ष धान की भरपूर उत्पादन मिलने की उम्मीद है। वहीं दलहन बुआई के रकबे में पिछले वर्ष कि तुलना में काफी कमी आई है। वहीं तिलहन फसलों का बुआई रकबा बढ़ा है।

धान के बुआई रकबे में हुई वृद्धि तो दलहन की घटी

चालू खरीफ सीजन में 28 जुलाई तक धान की बुवाई का क्षेत्रफल 1.71 फीसदी बढ़कर 237.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि दलहन का रकबा लगभग 12 फीसदी घटकर 96.84 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल इसी अवधि में धान का रकबा 233.25 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 109.15 लाख हेक्टेयर था। धान खरीफ की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 फीसदी खरीफ सत्र से आता है। आंकड़ों के अनुसार, मोटे अनाज का रकबा 28 जुलाई तक बढ़कर 145.76 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 143.48 लाख हेक्टेयर था।

सोयाबीन के बुआई रकबे में हुई वृद्धि

28 जुलाई तक तिलहन फसलों का रक़बा बढ़कर 171.02 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले वर्ष इस अवधि में 155.29 लाख हेक्टेयर था। जिसमें मूँगफली का रकबा 38.59 लाख हेक्टेयर से घटकर 37.58 लाख हेक्टेयर हो गया है तो वहीं सोयाबीन की फसल का रकबा 115.63 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 119.91 लाख हेक्टेयर हो गया है जो तिलहन फसलों में सबसे अधिक है। वहीं सूरजमुखी के रकबे में काफी कमी दर्ज की गई है यह 1.64 लाख हेक्टेयर से घटकर 0.52 लाख हेक्टेयर हो गया है।

वहीं कृषि विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार कपास का रकबा 117.91 लाख हेक्टेयर से मामूली गिरावट के साथ 116.75 लाख हेक्टेयर रह गया। गन्ने का रकबा 53.34 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 56.00 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं सभी खरीफ फसलों की बुआई का रकबा देखा जाये तो उसमें पिछले वर्ष कि इस अवधि की तुलना में कुछ कमी आई है। पिछले वर्ष जहां यह इस समय 831.65 लाख हेक्टेयर था तो इस वर्ष घटकर 830.31 लाख हेक्टेयर हो गया है।

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