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धान उत्पादन के अनुसार ही जिलेवार खरीदी के लिए निर्धारित किए जाएँ लक्ष्य: मुख्यमंत्री

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अभी धान की उपज खरीदी का काम जोरों पर चल रहा है, जिसको देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी को लेकर समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उसना चावल खानेवालों की संख्या अधिक है इसको ध्यान में रखते हुए शत प्रतिशत उसना चावल तैयार कराने के लक्ष्य पर काम किया जाए।

उसना मिल मालिकों के साथ बैठक की जाए। धान अधिप्राप्ति का कार्य तेज़ी से और बेहतर ढंग से किए जाएँ ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। खाद्य एवं उपभोक्ता सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि उसना चावल मिलरों की संख्या पिछले वर्ष 255 थी जो अब बढ़कर 349 हो गई है।

अभी तक 4 लाख किसानों ने कराया पंजीयन

बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री विनय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एवं धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,183 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।

धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि 1 नवम्बर 2023 से 15 फरवरी 2024 तक रखा गया है। चरणवद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है और इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति को लेकर अब तक 1 लाख 24 हजार 721 रैयत किसानों तथा 1 लाख 86 हजार 358 ग़ैर रैयत किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

धान खरीद में किसानों को नहीं हो दिक्कत

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव सहायता के लिए तत्पर रहती है। इस वर्ष भी हम धान फसल के आच्छादन को देखने के लिए विभिन्न जगहों पर गए थे और जानकारी ली थी, साथ ही ऐरियल सर्वे भी किया था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धान खरीदी में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसका विशेष ध्यान दिया जाए।

रैयत और ग़ैर रैयत किसानों से धान खरीदारी का अलगअलग विविरण रखा जाए। धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखें। धान खरीद का कार्य तेज़ी से और बेहतर ढंग से किए जाएँ ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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