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मुख्यमंत्री ने 77 ट्रैक्टरों को दिखाई हरी झंडी, गन्ना किसानों को अब आसानी से किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र

tractor in farm machinary bank

फार्म मशीनरी बैंक में ट्रैक्टर को किया गया शामिल

आज के समय में खेती-किसानी के कामों में कृषि यंत्रों का महत्व बढ़ता जा रहा है, इसमें सबसे महत्वपूर्ण यंत्र है ट्रैक्टर। ट्रैक्टर फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक सभी कामों में मदद करता है। ट्रैक्टर की महत्ता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने फार्म मशीनरी बैंक में इसे शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 मार्च 2023 के दिन लखनऊ से चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 ट्रैक्टरों को प्रदेश के गन्ना किसानों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक में सम्मिलित होने के बाद जहां एक ओर यह ट्रैक्टर फार्म मशीनरी बैंक में उपलब्ध अन्य कृषि यंत्रों के उपयोग हेतु सारथी बनेंगे वहीं दूसरी ओर किसानों की उत्पादन लागत कम होने से उनकी आय में वृद्धि होगी।

यंत्रीकरण से कम होगी गन्ने की लागत

मुख्य मंत्री  ने कहा कि यंत्रीकरण से गन्ने की लागत कम होगी और श्रम व समय की भी बचत होगी एवं प्रत्यक्ष रूप से किसानों की सकल आय में वृद्धि होगी। गन्ना किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गन्ने की पत्ती नहीं जलाएँगे बल्कि मल्चर एवं एम.बी प्लाऊ के प्रयोग से गन्ने की पत्ती एवं उनकी ठूठी को खेत में ही काटकर मिला देंगे एवं अपनी जमीन को उर्वर बनाएँगे और इस दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है।

किसान आसानी से किराए पर ले सकेंगे कृषि यंत्र

इस अवसर पर गन्ना मंत्री श्री नारायण चौधरी ने कहा कि प्रदेश के बहुत से गन्ना किसानों के पास गन्ने की खेती के लिए अभी भी उपयोगी कृषि यंत्र जैसे- ट्रैंच, प्लांटर, एम.बी प्लाऊ, रैटून मैनेजमेंट डिवाइस, आटोमेटिक शुगर केन प्लांटर आदि बड़े हार्स पॉवर के ट्रैक्टर की उपलब्धता ना होने के कारण उन्हें गन्ने की खेती में उपयोग करने हेतु असुविधा होती है। प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंक में 77 ट्रैक्टर शामिल किए जाने से किसान अपनी समितियों से मामूली किराए दर पर प्राप्त कर अपने कृषि कार्यों को समय पर कर सकेंगे। 

146 सहकारी समितियों में की गई है फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना

प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग भूसरेड्डी ने कहा कि किसानों के पास कृषि यंत्रों का अभाव है और विशिष्ट कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने एवं छोटे किसानों की क्रय शक्ति से बाहर होने के कारण गन्ने की खेती में उपयोगी इन बड़े कृषि यंत्रों को खरीद पाना उनके लिए सम्भव नहीं हो पाता है। इस समस्या के दृष्टिगत गन्ना की खेती में यंत्री करण को बढ़ावा देकर गन्ने की उत्पादन लागत कम करने एवं गन्ना कृषकों की आमदनी दोगुना करने हेतु प्रदेश की 146 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के स्तर पर फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की गई है। 

किसानों के पास अधिक हार्स पॉवर का ट्रैक्टर नहीं होने के कारण किसान इन कृषि यंत्रों का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।  इस समस्या को ध्यान में रखकर ही प्रदेश की 77 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में शामिल किया गया है। 

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