पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए पशु पालन से अधिक से अधिक आय अर्जित की जा सके इसके लिए सरकार द्वारा पशु पालकों को या जो व्यक्ति पशु पालन करना चाहते हैं उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में अधिक से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार राज्य के अलग-अलग ज़िलों में 5 प्रशिक्षण केंद्र खोलने जा रही है।
इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने केंद्र खोलने और आवश्यक संसाधनों हेतु 5.18 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रशिक्षण केन्द्रों से उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। राजस्थान सरकार ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2023-24 में पांच जिलों में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है।
प्रति वर्ष 5400 पशुपालकों को मिलेगा प्रशिक्षण
सरकार ने राज्य के अलवर, नागौर, भरतपुर, सीकर एवं अजमेर में पशुपालक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिए मंजूरी दे दी है। पशु पालन के लिए प्रशिक्षण देने के लिए, प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान पर हर महीने 30-30 पशुपालकों के 3 बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 36 बैच आयोजित कर 1080 पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह सभी पांचों केंद्रों में प्रतिवर्ष 5400 पशुपालकों को प्रशिक्षण मिलेगा।
प्रशिक्षण केंद्र के लिए उपलब्ध भवनों के मरम्मत कार्य तथा नवीन भवनों के निर्माण कार्य 4.50 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएंगे। केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्य संचालित करने के लिए 18 लाख रुपए तथा आवश्यक संसाधनों जैसे फर्नीचर, ऑडियो-वीडियो विज्ञापन, कम्प्यूटर, फोटोकॉपियर, प्रोजेक्टर, टीवी, ग्लास बोर्ड आदि के लिए प्रति प्रशिक्षण केंद्र 10-10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
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