Home किसान समाचार जानें मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों के लिये फसलवार ई-पंजीयन कब करवाएं

जानें मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों के लिये फसलवार ई-पंजीयन कब करवाएं

जानें मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों के लिये फसलवार ई-पंजीयन कब करवाएं

मध्यप्रदेश में खरीफ 2018 में बोई जाने वाली फसलों का फसलवार पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर 28 जुलाई से शुरू होगा। पंजीयन 31 अगस्त तक चलेगा। धान का पंजीयन सभी जिलों में ई-उपार्जन पोर्टल पर किया जायेगा। इसके अलावा ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, अरहर, उड़द, मक्का का भी सभी जिलों में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा। मूँग का प्रदेश के 34 जिलों के किसानों का पंजीयन किया जायेगा।

फसलवार जीले

इन जिलों में जबलपुर, सीहोर, रीवा, आगर-मालवा, दमोह, सतना, विदिशा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, धार, खरगोन, भिण्ड, छिंदवाड़ा, बड़वानी, रतलाम, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़, सीधी, खण्डवा, गुना, सागर, रायसेन, भोपाल, दतिया, श्योपुर कलां, राजगढ़, मंदसौर, पन्ना, मुरैना, हरदा, बुरहानपुर, उज्जैन और अशोकनगर शामिल हैं।

मूँगफली के किसानों का 20 जिलों में पंजीयन किया जाएगा। इनमें शिवपुरी, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, अलीराजपुर, बड़वानी, छतरपुर, नीमच, बैतूल, दतिया, सिवनी, झाबुआ, खरगोन, खण्डवा, धार, मंदसौर, दमोह, सागर,शहडोल, आगर-मालवा और राजगढ़ जिला शामिल हैं।

तिल फसल के लिये 30 जिलों के किसानों का पंजीयन किया जायेगा। इनमें छतरपुर, दतिया, भिण्ड, पन्ना, टीकमगढ़, ग्वालियर, सिंगरौली, मुरैना, श्योपुर कलाँ, सीधी, शिवपुरी, सतना, शहडोल, कटनी, राजगढ़, रीवा, उमरिया, सिवनी, छिंदवाड़ा, दमोह, बालाघाट, गुना, अनूपपुर, मंदसौर, मण्डला, खण्डवा, सागर, जबलपुर, नीमच और बैतूल जिले शामिल हैं।

राम-तिल फसल में 13 जिलों के किसानों का ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा। इनमें छिंदवाड़ा, डिण्डोरी, शिवपुरी, अनूपपुर, सिवनी, ग्वालियर, खरगोन, मण्डला, सिंगरौली, सतना, शहडोल, अशोकनगर और श्योपुर कला जिला शामिल हैं।

खरीफ 2018 के लिये केन्द्र सरकार ने जिन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये हैं, उनमें से धान, ज्वार, बाजरा और कपास का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य फसल का ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा तथा इन फसलों के उपार्जन पर भावांतर प्रोत्साहन राशि के भुगतान के बारे में राज्य शासन द्वारा अलग से निर्णय लिया जायेगा। पंजीकृत किसानों के बोवनी का सत्यापन कार्य राजस्व विभाग द्वारा खाद्य और नागरिक आपूर्ति तथा किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा जारी किये जाने वाले निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा।

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