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पशुओं तक चारा और पानी ले जाने के लिए विश्वविद्यालय ने तैयार की मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली

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cattle feeding trolley

खेती-किसानी का काम आसानी से किया जा सके इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा लगातार किसान हित में नए-नए कृषि यंत्र और उपकरण बनाए जा रहे है। इस क्रम में हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पशुओं के लिए चारा लाने ले जाने के लिए कैटल फीडिंग ट्रॉली (पशु चारा ट्रॉली) का निर्माण किया गया है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार को मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली नामक डिजाइन किए गए उत्पाद पर दस साल का अधिकार मिल गया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से जारी डिजाइन प्रमाण पत्र में इस उत्पाद को 371981-001 पंजीकरण संख्या प्रदान की गई है। मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली का डिजाइन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता की देखरेख में शोधार्थी ख़ुशबू ने किए है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

मोटाइल कैटल फीडिंग (पशु चारा) ट्रॉली कैसे काम करेगी

पशुपालन में महिलाओं को चार डालने में सबसे ज्यादा समस्या होती है। इसलिए ऐसे कार्य को करने के लिए उपयुक्त साधन की ज़रूरत होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली (पशु चारा ट्रॉली) बनाई गई है। यह ट्रॉली आयरन शीट और रबड़ से बनी हुई है। इसमें एक पहिया, एक बोरो, पीछे दो स्टैंड और दो हैंडल हैं ताकि उपयोग करने वाले पर लोड के वजन को कम किया जा सके।

ट्रॉली का इस्तेमाल चारा डालने के साथ-साथ पशुओं को पानी पिलाने के लिये कर सकते हैं। मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली ऐसा साधन है जिसमें चारा आसानी से उठाया जा सकता है और आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इस ट्रॉली में चारा और पानी आसानी से जहां पशु बंधे होते हैं वहाँ ले जाया जा सकता है। जिससे महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी तथा उनके समय एवं ऊर्जा की बचत होगी। इससे मांसपेशियों और हड्डी पर कम दबाव पड़ेगा।

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