बकरी पालन के लिए बैंक लोन एवं अनुदान
ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन रोजगार के एक अच्छा जरिया है साथ ही इसे अतिरिक्त कमाई का भी एक अच्छा जरिया बनाया जा सकता है। अन्य बड़े पशुओं की तुलना में इसे कम लागत में आसानी से शुरू किया जा सकता है यह बात मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बकरी पालन से जुड़ी योजना की जानकारी देते समय कही। साथ ही पशु पालन मंत्री ने बकरी पालकों को कुछ टिप्स भी दिए।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि बकरी पालन मजदूर, सीमांत और लघु किसानों में काफी लोकप्रिय है। चाहे घरेलू स्तर पर 2-4 बकरी पालन हो या व्यवसायिक फार्म में दर्जनों, सैकड़ों या हजारों की तादाद में, इनकी देख-रेख और चारा पानी पर खर्च बहुत कम होता है। वैज्ञानिक तरीके से पालन करने से 4-5 माह में आमदनी शुरू हो जाती है।
बकरी पालन के लिए सरकार कितना अनुदान देती है?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में बकरी पालन इकाई योजना चलाई जा रही है। जिसमें सरकार द्वारा बैंक ऋण एवं बकरी पालन इकाई की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाता है। इसमें हितग्राही को 10 बकरी और एक बकरा दिए जाने का प्रावधान है। योजना की इकाई की लागत 77 हजार 456 रूपये शासन द्वारा तय की गई है। इसमें सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत का 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
वर्ष 2022-23 में सामान्य वर्ग के 169, अनुसूचित जनजाति के 71 और अनुसूचित जाति के 75 लोगों को योजना का लाभ दिया गया है।
बकरी को क्या खिलाएँ
एक वयस्क बकरी को उसके वजन के अनुसार रोजाना एक से तीन किलोग्राम हरा चारा, आधा से एक किलोग्राम भूसा और डेढ़ से चार सौ ग्राम दाना रोजाना खिलाना चाहिए। बकरियों को साबुत अनाज और सरसों की खली नहीं खिलाना चाहिए। दाने में 60 प्रतिशत दला हुआ अनाज, 15 प्रतिशत चोकर, 15 प्रतिशत खली, 2 प्रतिशत खनिज तत्व और एक प्रतिशत नमक होना चाहिए।
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सर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ 19 सितंबर तक आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए अपने प्रखंड या ज़िले के कृषि या पशु पालन विभाग के कार्यालय में संपर्क करें।
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