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यह राज्य सरकार खेतों में सिंचाई के लिए दे रही है 100 प्रतिशत तक सब्सिडी, अभी करें आवेदन

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सिंचाई साधनों पर अनुदान हेतु आवेदन

भूमिगत जल के लगातार दोहन के चलते जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में जल संकट उत्पन्न न हो इसको लेकर सरकार ने भूमिगत जल को बढ़ाने और किसानों को सिंचाई के विभन्न संसाधन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कई योजनाओं की शुरुआत की है | इसके अतिरिक्त किसानों को धान, गन्ना एवं गेहूं जैसी अधिक पानी की आवश्यकता वाली फसलों को छोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है | इसके अलावा सरकार किसानों को “हर खेत को पानी” पहुँचाने के लिए सिंचाई के विभीन्न साधनों पर सब्सिडी भी दे रही है जिससे सिंचाई के रकबे को बढाया जा सके |

हरियाणा सरकार ने प्रदेशभर में सिंचाई के पानी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से सूक्ष्म सिंचाई के लिए किसानों को दी जा रही सब्सिडी के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हाल ही में मुख्य तौर पर किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने और सूक्ष्म स्तर के बुनियादी ढाँचे के विकास के माध्यम से निर्मित सिंचाई क्षमता और प्रयुक्त सिंचाई क्षमता के बीच के अंतर को पाटने के बहु-आयामी उद्देश्यों के साथ  https://cadaharyana.nic.in पोर्टल लॉन्च किया था। जिसमें किसान आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

किसान इन 3 सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के तहत अनुदान हेतु कर सकते हैं आवेदन

सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मिकाडा) के एक प्रवक्ता ने इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस ’सूक्ष्म सिंचाई पहल’ के तहत किसानों को तीन योजनाओं की शुरुआत की गई है।

  1. पहली योजना सहायक बुनियादी ढांचे (एसटीपी नहर/रजवाहा), खेत में तालाब, सोलर पंप और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) की स्थापना के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और नहर आधारित परियोजना के लिए है। पहली योजना के लिए खेत में बने तालाब के साथ 100 प्रतिशत एम.आई. (ड्रिप और स्प्रिंकलर इंस्टॉलेशन) को अपनाने के लिए हलफनामे के रूप में अग्रिम शपथ-पत्र अनिवार्य है।
  2. दूसरी योजना सहायक बुनियादी ढांचे (रजवाहा), खेत में तालाब, सोलर पंप और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) की स्थापना के साथ नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है।
  3. तीसरी योजना उनके लिए है, जहाँ पानी के स्रोत ट्यूबवैल, ओवरफ्लो करने वाले तालाब, खेत में बने टैंक और खेत में बने एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) हैं।

माइक्रोइरीगेशन प्रोजेक्ट पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी

खेत में तालाब निर्माण के लिए किसान को कुल खर्च पर 70 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी और उसे केवल 30 प्रतिशत राशि ही देनी होगी। इसी तरह 2 एचपी से 10 एचपी तक की क्षमता वाले सोलर पंप की स्थापना के लिए किसान को 25 प्रतिशत राशि देनी होगी और उसे 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना दिशानिर्देश 2018-2019 के अनुसार खेत में एमआई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) की स्थापना के लिए किसान को 15 प्रतिशत राशि जमा जीएसटी का भुगतान करना होगा और उसे 85 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत प्रोजेक्ट पंजीकरण

माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए न्यूनतम 25 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है | एक व्यक्ति या किसानों का एक समूह भी इसके लिए पात्र होने के लिए एक साथ आ सकते हैं | सूक्ष्म सिंचाई आधारित परियोजनाओं के लिए आवेदन करने के लिए समुदाय आधारित होने के कारण सभी हितधारक किसानों की सहमती आवश्यक है | किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागत का 5% और टैंक के निर्माण के लिए मुफ्त भूमि प्रदान करना है, जैसे 25 एकड़ चक के लिए 2 कनाल भूमि |

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुसार सब्सिडी के इच्छुक व्यक्ति के पास निम्न दस्तावेज होना आवशयक है :-

  • पासपोर्ट साइज फोटो,
  • व्यक्तिगत विवरण,
  • बैंक विवरण,
  • पता और परिवार पहचान पत्र (फैमिली आईडी)

सिंचाई साधनों पर अनुदान के लिए आवेदन कैसे करें

यह योजना पुर्णतः ऑनलाइन एवं पारदर्शी है | सरकार के द्वारा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं किसान https://cadaharyana.nic.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | किसान आवेदन पात्र के लिंक पर मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड OTP प्राप्त होगा जिससे वह लॉग इन कर सकते हैं | किसान अधिक जानकारी के लिए सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण में सम्पर्क कर सकते हैं |

खेतों में सब्सिडी पर सिंचाई संसाधनों के लिए आवेदन के लिए क्लिक करें

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