Home किसान समाचार किसानों को उन्नत एवं प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की...

किसानों को उन्नत एवं प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की योजना

beej gram yojana

बीज ग्राम योजना

21 वीं सदी के दुसरे दशक में देश पहुँच गया है परन्तु आज भी ज्यादातर किसानों को गुणवत्ता युक्त उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध नहीं हो पाते हैं | इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बीज ग्राम कार्यक्रम योजना की शुरुआत की थी | योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना, राष्ट्रीय बीज रिजर्व, निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है |

इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है | योजना के अंतर्गत 4.21 लाख बीज ग्राम तैयार किए गये हैं | जिससे देश के 170.86 लाख किसानों को रियायती दरों पर 38.01 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाए गए हैं | किसान समाधान इस योजना की जानकारी तथा अभी तक प्राप्त लक्ष्य को लेकर आया है |

ग्राम बीज योजना क्या है ?

2 से 3 तीन ग्राम समूहों को मिलाकर एक किसान समहू तैयार किया जाता है | यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग – अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किये जाते हैं | इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है | इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है |

बीज ग्राम योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी

किसानों को बीज उत्पादन करने के लिए बुवाई के लिए बीज पर 25 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है | छोटे किसानों को 50 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर बीज दिए जाते है | इसके अलावा उन्नत बीज उत्पादन के लिए खाद, दवा और कृषि यंत्र पर भी सभी राज्य सरकार अनुदान देते हैं |

इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2014–15 से 2020–21 तक हासिल प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार है :-

  • बीज ग्राम कार्यक्रम के अंतर्गत, 4.29 लाख बीज ग्राम तैयार किए गए हैं, जहाँ 170.86 लाख किसानों को रियायती दरों पर 38.01 लाख क्विंटल जड़/प्रमाणित बीज वितरित किए जा चुके हैं |
  • किसानों को स्थानीय स्तर पर दालों, तिलहन, चारा और हरित खाद फसलों के उत्पादन की लिए प्रोत्साहन करने और खुद गांवों के लिए जरुरी प्रमाणित बीज उपलब्ध करने के लिए 2.61 लाख किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दरों पर 1.05 लाख क्विंटल जड़/ प्रमाणित बीज वितरित किए गए हैं |
  • ग्राम स्तर पर 500 एमटी (प्रत्येक) क्षमता वाली 517 बीज प्रसंस्करण सह भंडारण गोदाम इकाईयों की स्थापना, बीज प्रसंस्करण के और बीज भंडारण की लिए 25.85 एल्क्यू ज्यादा क्षमता तैयार करने के लिए, किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हें स्थानीय स्तर पर जरुरी फसल विविधता बीज उपलब्ध करने के लिए राज्यों को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराया गया है |
  • पूर्वोत्तर राज्यों, केंद शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और पश्चिम बंगाल के पर्वतीय / दुर्गम क्षेत्रों को सस्ते मूल्य पर समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 10.37 लाख क्विंटल बीजों की आपूर्ति के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है |
  • राष्ट्रीय बीज रिजर्व के अंतर्गत, सुखा, चक्रवात और बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं और अप्रत्याशित स्थितियों के दौरान दुबारा बुवाईए के लिए किसानों की जरुरी पूरी करने के उद्देश्य से लैप से अल्प और मध्यम फसल प्रजात्तियों के 17.01 लाख क्विंटल बीज रखे गए हैं |
  • अगस्त 2018 में केरल में आई बाढ़ से धान की फसल को हए नुकसान के क्रम में , किसानों को फिर से बुआई के लिए बीज उपलब्ध करने को राष्ट्रीय बीज रिजर्व में 3900 एमटी बीज रखे गए थे, जिससे राज्य के किसानों को किसी तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ा |
  • देश में कुपोषण के उन्मूलन के क्रम में, विभिन्न फसलों (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, मसूर, सरसों, सोयाबीन, फूलगोभी, शकरकंद और अनार) की 71 जैव – सक्षम प्रजातियाँ विकसित की गई है |
  • देश में किसानों को बीज की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से बहुलीकरण के लिए राज्यों को जैव – सक्षम प्रजातियों के प्रजनक बीज आवंटित किये गये हैं |
  • पीपीवीएफआर प्राधिकरण द्वारा बौद्धिक स्वामित्व अधिकारों के उद्देश्य से पौध प्रजातियों के लिए 3,436 पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं | ये ऐसी प्रजातियाँ है जिनकी पारम्परिक खेती की जाती हैं और इन्हें किसानों ने अपने खेतों में विकसित किया है | साथ ही जंगली या भूभाग संबंधी प्रजातियाँ आती है, जिनके बारे में किसानों को सामान्य जानकारी हैं |
  • पीपीवीएफआर प्राधिकरण नई-नई प्रजातियों के रूप में पंजीकरण के लिए 78 फसली प्रजातियाँ अधिसूचित की हैं, जिससे किसानों को बीजों की ज्यादा प्रजातियों और पौधा रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी |
  • इसके अलावा डीएसीएंडएफडब्ल्यू ने किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज और पौधा रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फसलों की 1,405 प्रजातियाँ अधिसूचित की हैं |
  • नेशनल जिन फण्ड से मुख्य रूप से कृषि जैव विविधता हाटस्पाट के रूप में चिन्हित क्षेत्रों के किसानों और किसान समुदायों को प्रोत्साहित करने, विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को लाभप्रद पौधों व उनके जंगली संबंधियों के अनुवांशिक संसाधनों के रूपांतरण, सुधार और संरक्षण से जोड़ने के लिए पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ने बीते पांच साल के दौरान 15 पौधा जीनोम उद्धारकर्ता सामुदायिक पुरस्कार (एक स्मृति चिन्ह और नगद 10 हजार रूपये) और 16 पौधा जीनोम उद्धारकर्ता किसान पुरस्कारों (एक स्मृति चिन्ह और नगद 1.50 लाख रूपये) के अलावा 37 पौधा जीनोम उद्धारकर्ता किसान सम्मान (एक स्मृति चिन्ह और नगद 1 लाख रूपये) वितरित किये गये |
  • राष्ट्रीय बीज अनुसन्धान और परीक्षण केंद्र को 697 कोर्ट संदर्भित बीज नमूने मिले और उनका विश्लेषण किया | उसे 5 प्रतिशत पुन: परीक्षण नमूनों के अंतर्गत 1,36,532 नमूने मिले और उनका विश्लेषण किया गया | इसके अलावा, आईएसटीए कुशलता परीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत मिले 78 बीजों के नमूनों का विश्लेषण किया गया |

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version