Home किसान समाचार बिहार के चार किसानों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, अलग-अलग फसलों की...

बिहार के चार किसानों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, अलग-अलग फसलों की किस्मों का कर रहे हैं संरक्षण

Plant Genome Conservation Award

देश में प्रगतिशील किसानों को अलगअलग योजना के तहत पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया जाता है ताकि अन्य किसान भी उनसे सीखकर नवाचार कर सकें। इस कड़ी में मंगलवार 12 सितंबर के दिन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विभिन्न श्रेणियों में 26 “पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार किसानों व संगठनों को प्रदान किए। इनमें बिहार के चार किसान और दो किसान समूह को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया।

बता दें कि पूसा, नई दिल्ली में किसानों के अधिकारों पर चार दिवसीय वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने पौधा किस्मों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लांच किया।

इन किसानों को दिया गया पुरस्कार

राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में चल रहे चार दिवसीय सम्मेलन में बिहार के चार किसानों एवं दो किसान समूहों को सम्मानित किया गया। पुरस्कृत होने वाले किसानों में रोहतास के दो, जमुई और मुंगेर के एकएक किसान शामिल है। किसान समूह में लीची कृषक उत्पादक समूह और भागलपुर कतरनी चावल उत्पादक समूह शामिल हैं।

वहीं व्यक्तिगत रूप से जमुई के अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों की खेती का संरक्षण करने के लिए मुंगेर के सत्यदेव सिंह को चना और तीसी के प्रभेद संरक्षित करने के लिए, रोहतास के किसान दिलीप कुमार सिंह को बैंगन, टमाटर, करेला एवं धनिया के सफेद प्रभेद को संरक्षित करने के लिए और रोहतास के ही अर्जुन सिंह को चावल, हल्दी एवं लौकी को संरक्षित करने के लिए पुरस्कृत किया गया है।

कितना पुरस्कार दिया गया?

पौधा क़िस्म और कृषक अधिकार संरक्षक प्राधिकरण की ओर से आयोजित कार्यक्रम में किसान समूह को पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार स्वरूप 10-10 लाख रुपए की नकद राशि दी गई। वहीं व्यक्तिगत श्रेणी में किसानों को एकएक लाख रुपए की नकद राशि दी गई। साथ ही उन्हें सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भी दिए गए।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version