Home किसान समाचार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा ऑनलाइन प्रशिक्षण

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा ऑनलाइन प्रशिक्षण

natural farming training

प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

खेती में लागत कम करने एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब देश में किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती पद्धति के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद द्वारा आयोजित, प्राकृतिक खेती पर मास्टर प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। 

इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि मैनेज को आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में अप्रैल से अगस्त तक देश में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का काम सौंपा गया है। श्री तोमर ने कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।

भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) को दिया जा रहा है बढ़ावा

प्राकृतिक खेती बाहरी आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करने, खेती की लागत घटाने तथा किसानों की आय बढ़ाने का आशाजनक साधन है। सरकार पारंपरिक स्वदेशी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की उपयोजना के रूप में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) को बढ़ावा दे रही है।

750 प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाएँगे आयोजित

कार्यक्रम के तहत आगामी दिनों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देशभर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही अपने-अपने राज्यों में प्राकृतिक खेती की पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे। 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के तहत कवर किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में भी घोषणा की गई है। राज्यों में विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने को लेकर कमेटी बनाई गई है।

पशुओं के उपयोग को मिलेगा बढ़ावा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति बढ़ने के साथ इसमें गाय सहित पशुओं का उपयोग बढ़ेगा, जिससे किसानों को लाभ होगा। सरकार ने कृषि को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की पहल की है, जिसमें राज्यों का सहयोग लिया जा रहा है, वहीं 6865 करोड़ रुपये खर्च कर हर ब्लाक में नए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाए जा रहे हैं, जो कुल दस हजार बनेंगे। इनके माध्यम से किसानों का ज्ञान बढ़ेगा, वे नई तकनीकों का उपयोग कर सकेंगे, महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे व उपज की गुणवत्ता बढ़ेगी, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा। उन्होंने सभी मास्टर ट्रेनर्स से अनुरोध किया कि वे प्राकृतिक खेती संबंधी सरकार की महत्वपूर्ण पहल को विभिन्न तरीकों से आगे बढ़ाने के लिए प्राण-प्रण से जुटें।

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version