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अब पशुपालकों को घर बैठे मिलेगी पशुपालन की तकनीक और योजनाओं की जानकारी

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A-Help Yojana

देश में पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इसमें पशुपालक किसानों को घर बैठे पशु स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना भी शामिल है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ए-हेल्प योजना की शुरुआत की है। योजना की शुरुआत राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान, जामडोली, जयपुर में सोमवार 1 जुलाई 2024 को की गई। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता को स्थापित करना है।

पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि ए-हेल्प योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की एक और पहल है। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता को स्थापित करना है। योजना केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है। उत्तर भारत में इस योजना को लागू करने वाला राजस्थान दूसरा प्रदेश है। वर्तमान में यह योजना देश के 11 राज्यों में संचालित है।

पशुपालकों को मिलेगी नई तकनीकों की जानकारी

राज्य के पशुपालन मंत्री ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के माध्यम से पशु सखियों के एकजुटता से पशुपालकों से जुड़ने पर न केवल पशुधन उत्पादों में वृद्धि होगी बल्कि पशुपालकों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। साथ ही देश में आ रही नई-नई तकनीकों का भी प्रसार ये पशु सखियां करेंगी। पशु सखियों के माध्यम से पशुपालकों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी मिलेगी और उसके उपयोग से वे अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बना पाएंगे। साथ ही पशु सखियां प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र में स्वयं को और ज्यादा सक्षम बन पाएंगी।

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, पशुपालन विभाग विकास सीताराम भाले ने कहा कि ए- हेल्प एक ऐसा ही कार्यक्रम है जिसके जरिए पशुपालकों को उनके दरवाजे पर ही पशु सखी के माध्यम से पशुपालन संबंधी सारी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 9000 पशु सखियों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। इसका अर्थ है कि लगभग प्रत्येक ग्राम पंचायत पर पशुपालकों की सहायता के लिए एक पशु सखी उपलब्ध होगी।

पशु सखियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

ए-हेल्प योजना के तहत पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। पशुपालन मंत्री ने बताया कि योजना के तहत पशु सखियों को 16 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाकर स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता ए-हेल्प के रूप में स्थापित किया जायेगा। योजना के प्रथम चरण में 25-25 के समूह में राज्य की लगभग 2000 पशु सखियों को प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

पशुपालकों को उपलब्ध कराई जाएगी यह जानकारियाँ

ए-हेल्प’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके सशक्त बनाना है। पशुओं को कान की टेगिंग के लिये चिन्हित करने और टेगिंग का डाटा इनाफ पोर्टल पर दर्ज कराने में ए-हेल्प कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वे अपने क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओं के रख-रखाव, टीकाकरण, विभिन्न विभागीय योजनाओं के लाभ के बारे में बतायेंगी। ए-हेल्प कार्यकर्ता पशुपालकों को पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने, पशुधन बीमा करवाने और लाभ दिलाने में भी मदद करेंगी। इन्हें पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाना भी सिखाया जायेगा। ये प्रशिक्षित अभिकर्ता पशुपालकों को चारा उत्पादन के लिये भी प्रोत्साहित करेंगी।

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