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किसान चौपाल के माध्यम से किसानों को योजनाओं की जानकारी के साथ ही दिया जाएगा प्रशिक्षण

kisan chopal

किसान प्रशिक्षण एवं योजनाओं की जानकारी 

खरीफ फसलों की बुआई का समय हो गया है ऐसे में किसान कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें इसके लिए राज्य सरकार द्वारा रणनीति तैयार कर ली गई है। अधिक से अधिक किसानों को खेती-किसानी की वैज्ञानिक जानकारी के साथ ही विभागीय योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए बिहार राज्य सरकार राज्य में किसान चौपालों का आयोजन करने जा रही है। जिसमें पंचायत स्तर पर किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

किसान चौपाल में किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी के साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, कृषि यंत्रीकरण के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही मिट्टी जाँच के आधार पर उर्वरक का प्रयोग, समय से फसल की बुआई, फफूँदनाशी, कीटनाशी, बीजोपचार, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण आदि की जानकारी दी जाएगी।

कितने किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

बिहार कृषि मंत्री श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि खरीफ 2022 में किसान चौपाल का आयोजन बिहार के सभी 8,405 पंचायतों में 01–20 जुलाई के दौरान किया जाएगा | जिसमें प्रत्येक किसान चौपाल के माध्यम से 250 किसानों को प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार, राज्य के कुल 8405 पंचायतों में 21,01,250 किसानों को प्रशिक्षण प्राप्त होगा। 

बिहार कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जायेगा, यह आयोजन नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से किया जाएगा जो दो घंटे का होगा, और पंचायत भवन पर आयोजित होगा।

किसान चौपाल में दी जाएगी यह जानकारी

आयोजित की जाने वाली इन किसान चौपालों में किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण खेती पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से निपटने हेतु किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि सम्बंधित जानकारी दी जाएगी। साथ ही, किसानों को जैविक खेती एवं खेती के साथ-साथ आय के वैकल्पिक साधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। 

इसके अतिरिक्त किसान चैपाल में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के संबंध में किसानों को पदाधिकारियों/विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जायेगी। बागवानी फसलों विशेषकर जैविक सब्जियों के उत्पादन पर विशेष रूप से किसानों को प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित किया जायेगा। संबंधित पंचायत के लिए उसके मिट्टी एवं उपलब्ध संसाधन के अनुसार फसल विशेष/क्रिया-कलाप का चयन कर खेती करने का सुझाव दिया जायेगा।

दलहनी तथा तेलहनी फसलों में कीट-व्याधि के प्रकोप को कम करने के उद्देश्य से अनुशंसित बीजों की उपलब्धता के साथ-साथ किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती विशेषकर अंतवर्ती फसलों के साथ सब्जी की खेती आदि के बारे में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा। किसानों की स्थानीय समस्याओं का समाधान भी कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रसार कर्मियों के द्वारा किया जायेगा। 

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