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कृषि मेले में किसानों ने जमकर खरीदे सब्सिडी पर कृषि यंत्र

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अनुदान पर कृषि यंत्रों की खरीद 

किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। अभी हाल ही में 09 से 12 फरवरी तक चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार एवं सी.आई.आई. के सहयोग से किया गया।

मेले के अंतिम दिन कृषि विभाग के सचिव डॉ.एन.सरवण. कुमार ने कहा कि इस वर्ष इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया। बिहार सरकार वर्ष 2011 से प्रतिवर्ष पटना में इस मेले का आयोजन करती है। इस मेले की खास बात यह है कि यहाँ एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता  विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेले में उपलब्ध रहते हैं।  

मेले में किसानों ने अनुदान पर खरीदे 665 कृषि यंत्र

कृषि विभाग के सचिव ने बताया कि किसानों ने 04 दिनों में लगभग 11 करोड़ रूपये के कुल 665 कृषि यंत्रों का क्रय किया है, जिस पर 481.73 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय पर 94.05 करोड़ रूपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

मेले के अंतिम दिन राज्य के विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्रॉ रीपर, राईस मिल, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 187.77 लाख रूपये के 114 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 76,18,600 रूपये अनुदान दिया गया।

किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर मिली 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी

सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों जैसे 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैसर एवं स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/ट्रैक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। 

राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्र जैसे स्ट्रॉ रीपर, रीपर-कम- बाईंडर, सुपर सीडर आदि की भी बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, इससे पता चलता है कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है।

30 हजार से अधिक किसानों ने लिया मेले का लाभ

इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 30 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से मेला में आज तक सभी 38 जिलों से 17,630 किसानों को भ्रमण पर कराया गया। अंतिम दिन पटना, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा तथा सुपौल 07 जिलों के किसानों को भ्रमण पर लाया गया। इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया गया।

मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया गया।

341 किसानों ने कराया मिट्टी परीक्षण

एग्रो बिहार मेला में 341 किसानों को चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला का निरीक्षण एवं मिट्टी परीक्षण योजना से संबंधित पुस्तिका उपलब्ध करायी गयी। साथ ही, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संबंध में जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी तथा कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वैज्ञानिकगणों द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। 

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