किसानों ने किया सरकार का प्रस्ताव ख़ारिज
कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिन से किसान आंदोलन कर रहे हैं | किसान संगठन के प्रतिनिधियों एवं सरकार के बीच अभी तक 6 दौर की बातचीत भी हो चुकी है | कल भारत बंद के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को मिलने के लिए बुलाया था | देर रात तक चली इस बैठक के बाद किसानों को सरकार के द्वारा आज एक प्रस्ताव भेजा गया था | इस प्रस्ताव में किसानों को जो आपत्ति है उसे लेकर संशोधन की बात कही गई है जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है | किसानों ने आज हुई प्रेस वार्ता में साफ़ किया कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं हैं | अब किसान आन्दोलन पूरे भारत में यह आन्दोलन तेज किया जायेगा | अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट और भाजपा नेताओं का बायकॉट करने की अपील उन्होंने देश के लोगों से की है |
सरकार के द्वारा किसानों को भेजे गए प्रस्ताव
- अधिनियम को संशोधित करके यह प्रावधान किया जा सकता कि राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागु कर सके | साथ ही ऐसी मंडियों से राज्य सरकार एमएसपी मंडियों में लागू सेस/शुल्क की दर तक सेस/शुल्क निर्धारित कर सकेगी |
- किसानों को कोर्ट कचहरी जाने का विकल्प भी दिया जाएगा |
- किसान और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट की 30 दिन के अन्दर रजिस्ट्री होगी |
- कॉन्ट्रैक्ट क़ानून में स्पष्ट कर देंगे कि किसान की जमीन या बिल्डिंग पर ऋण या गिरवी नहीं रख सकते |
- किसान की जमीन कुर्की नहीं हो सकेगी |
- MSP की वर्तमान खरीदी व्यवस्था के सम्बन्ध में सरकार लिखित में आश्वासन देगी |
- किसानों से बिजली वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा |
- पराली को जलाने से सम्बंधित प्रावधान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑफ एनसीआर ऑर्डिनेंस, 2020 के अंतर्गत किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जायेगा |
सरकार के इस प्रस्ताव के बाद किसानों ने क्या कहा
जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं | पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। बीजेपी के जितने मंत्री है उनका घेराव किया जाएगा और उनको पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे | पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने लगाए जाएंगे जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर रोक लगाया जाएगा | 12 तारीख को एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए जाएंगे |
पीछे नहीं हटेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान वापस नहीं जाएगा, अब किसान के मान-सम्मान का सवाल है। सरकार कानून वापस नहीं लेगी, तानाशाही होगी? अगर सरकार हठधर्मी पर है तो किसान की भी हठ है। ये पूरे देश के किसानों का सवाल है
पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने लगाए जाएंगे जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर रोक लगाया जाएगा: सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता pic.twitter.com/Afb3VGbCNH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020
विपक्षी नेता राष्ट्रपति से मिले
20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार समेत विपक्ष के 5 नेता बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले। इनमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा और डीएमके के एलंगोवन भी शामिल थे।
राहुल गांधी ने कहा कि किसान ने देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करता है। ये जो बिल पास किए गए हैं, वो किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित के लिए है, सवाल ये है कि किसान इतना गुस्सा क्यों है। इन बिलों का लक्ष्य मोदीजी के मित्रों को एग्रीकल्चर सौंपने का है। किसानों की शक्ति के आगे कोई नहीं टिक पाएगा। हिंदुस्तान का किसान डरेगा नहीं, हटेगा नहीं, जब-तक ये बिल रद्द नहीं कर दिया जाता।
कृषि कानून किसान विरोधी है। PM ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा: राहुल गांधी, कांग्रेस pic.twitter.com/8IZWTiPvzV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020