Home किसान समाचार कम बारिश के कारण इन जिलों को किया गया सूखाग्रस्त घोषित

कम बारिश के कारण इन जिलों को किया गया सूखाग्रस्त घोषित

कम बारिश के कारण यह जिले हुए सूखाग्रस्त घोषित

बरसात के मौसम में औसत से कम वर्षा के कारण बिहार राज्य के किसान जबरदस्त सूखे की मार झेल रहे  हैं | पानी की इतनी किल्लत हो गई है की सिंचाई तो छोडो इंसान को पीने के लिए पानी सम्भव नहीं हो पा रहा है | ज्यादातर नल कूप सुख गया है, बोर में पानी नहीं है | इससे धान तथा मक्का के अलवा सभी खरीफ फसल को पानी नहीं मिल पा रहा है | इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री ने 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सुखा घोषित कर दिया है | यह घोषणा कृषि विभाग के स्थल रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है |

सूखाग्रस्त का आधार ?

  • खेत की भूगोलिक स्थिति
  • फसलों के मुरझाने की स्थिति
  • उपज में 33 प्रतिशत की कमी |
कौन – कौन से जिले सुखाग्रस्त में शामिल हैं ?

पटना, नालन्दा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, बक्सर, कैमुर, गया, जहानाबाद, नवादा, ओरंगाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज,बांका, शेखपुरा, वैशाली, भागलपुर, जमुई, दरभंगा, मधुबनी , समस्तीपुर, मुंगेर, सहरसा

इससे किसानों को क्या मिलेगा ?

सुखा घोषित होने से किसानों को वर्ष 2018 – 19 के लिए सहकारिता ऋण, राजस्व लगान, एवं सेस, पटवन शुल्क व कृषि से संबंधित विद्युत शुल्क की वसूली स्थापित रहेगी |

सरकार किसानों के लिए क्या करेगी 

सूखाग्रस्त प्रखंडों में फसल को बचाने, वैकल्पिक कृषि कार्यों की व्यवस्था, रोजगार के साधन का इंतजाम तथा पशु संसाधनों के उचित रखरखाव के लिए सहायता कार्य चलाये जायेंगे | फसल के सुरक्षा एवं बचाव  के लिए कृषि इनपुट के रूप में डीजल, बीज आदि पर सब्सिडी के इंतजाम किये जायेंगे | अधिकतम 2 हेक्टयर तक कृषि इनपुट सब्सिडी एसडीआरएफ या एनडीआरएफ के मानदर के अनुरूप मान्य होगा | इनपुट सब्सिडी के लिए 15 नवम्बर तक किसानों को पंजीयन कराना है | फसल सहायता योजना के लिए 31 अक्टूबर तक पंजीयन करना होगा |

पीने के पानी के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी ?

सुखा ग्रस्त जिलों में जरूरत के अनुसार नये चापाकल लगाए जायेंगे | खराब चापाकल को तत्काल सुधारा जायेगा | जहाँ  पर चापाकल से पानी नहीं मिलेगा , उस जगह पर टैंकर से पानी पहुँचाया जायेगा |

पशुओं के लिए शिविर, सोलर पम्प लगाकर पानी का इंतजाम

जलाशय सूखने की रिपोर्ट के तहत यह तय किया गया है की स्थल चयन कर पशुओं के लिए शिविर बनाएं जायें | वहां  सोलर पम्प के माध्यम से जल का इंतजाम किया जायेगा |

जल संरक्षण योजनाओं को मनरेगा के तहत जोड़ा जायेगा 

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है की मनरेगा के तहत जल सरंक्षण योजना चलाई जाएँगी |

जिला स्तर पर 24 घंटे नियंत्रण कक्ष

डीएम के नेतृत्व में सुखाड़ सहय्य कार्य चलेंगे | जिला स्तर पर चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष काम करेगा |

फसल सहायता योजना व कृषि इनपुट सब्सिडी

किसानों को फसल सहायता योजना का लाभ मिलेगा | मुख्यमंत्री ने यह अपील की है कि 31 अक्टूबर तक पंजीयन करा लें | आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कृषि इनपुट का लाभ दिया जायेगा |

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