Home किसान समाचार दियारा विकास योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सहायता

दियारा विकास योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सहायता

दियारा विकास योजना

देश में कृषि भू-भाग का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ प्रभावित है | जो प्रत्येक वर्ष नदियों के बाढ़ से प्रभावित रहते हैं | इससे कृषि को भारी नुकसान होता है | प्रत्येक वर्ष नदी पानी के साथ बालू भी लेकर आती है जो पूरी भूमि पर फैला देती है | इसके कारण उस मिट्टी पर किसी तरह की खेती नहीं हो पाती है | लेकिन बालू वाली मिट्टी पर भी तरबूज, खीरा, मूंगफली , मक्का जैसी फसलों की खेती की जा सकती है | इस तरह के भू-भाग को दियारा कहते हैं | बिहार राज्य में दियारा क्षेत्र के अंतर्गत 30 जिलों को शामिल किया गया है | इसी तरह बिहार के 30 जिला बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, समस्तीपुर, बेगुसराय, दरभंगा, मधुबनी, सारण, सिवान, गोपालगंज, गया, अरवल, नवादा, जहानाबाद एवं औरंगाबाद जिले आते  हैं |

बिहार सरकार ने वर्ष 2018 – 19 में राज्य में दियारा विकास योजना लेकर आई है | इस योजना के तहत 1243.72 लाख रूपये की कुल लागत से कार्यन्वित किया जायेगा | यह योजना बिहार राज्य के 30 जिलों में संचालित की जाएगी | ऊपर के 30 जिलों का नाम दिया हुआ है | इस योजना के तहत गोर्डस समूह की सब्जी एवं मेलनर के संकर किस्म के बीज वितरण के कार्यक्रम चलायें जायेंगे |

दी जाने वाली सहायता 

मटर की उन्नत / संकर प्रभेद के बीज वितरण कार्यक्रम भी चलाये जायेंगे | गोर्डस समूह की सब्जियाँ एवं मेलनस के संकर बीज के क्रय पर किसानों को 50 प्रतिशत अधिकतम 8,000 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता अनुदान आर.टी.जी.एस. / डी.बी.टी. के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा | मटर की उन्नत / संकर बीज के क्रय पर किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 7,000 रूपये प्रति हेक्टेयर आर.टी.जी.एस. / डी.बी.टी. के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा | एक किसान को अधिकतम एक क्षेत्र के लिए ही बीज उपलब्ध कराया जायेगा | किसानों को परवल के उन्नत किस्म के 4,000 पौध प्रति हेक्टेयर अनुदानित दर पर उपलब्ध कराये जायेंगे | परवल पौध के क्रय पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 24,000 रूपये किसानों को अनुदान दिया जायेगा |

दियारा क्षेत्र में कृषि में सबसे सिंचाई करना  आसान नहीं होता है | सरकार ने इसके विकास हेतु 100 फीट बोरिंग के लिए पी.भी.सी. पाईप लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 9,000 रूपये प्रति यूनिट अनुदान दिया जायेगा | इस योजना का कार्यान्वयन क्लस्टर में किया जायेगा | पी.भी.सी. पाईप बोरिंग को सफलतापूर्वक चलाने के उपरान्त किसानों को अनुदान का भुगतान आर.टी.जी.एस. / डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा | इस योजना के कार्यान्वयन से इन फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी, दियारा क्षेत्रों का विकास होगा , जिनसे इस क्षेत्रों के किसानो की आमदनी बढ़ेगी |

कृषि, गायपालक किसानों को 50,000 रु. नगद पुरस्कार दिया रहा है

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version