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किसान कर्ज माफी के अलावा जानिए क्या रहा खास झारखंड सरकार के बजट में

jharkhand agriculture budget 2021

झारखंड किसानों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार के बजट के बाद अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 3 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दिन में 12 बजे विधानसभा में 91,277 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में किसान-गांव और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखा गया है । बजट में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए कई घोशनाएँ की गई हैं |

किसानों के लिए बजट में क्या ख़ास है ? 

सरकार ने किसान कर्ज माफी की बात प्रमुखता से कही है इसके आलवा सिंचाई के लिए नई योजना किसान सर्विस सेन्टर की स्थापना के आलावा कृषकों और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स की तर्ज पर झारखंड में चैंबर ऑफ फार्मर्स के गठन का प्रावधान किया गया है।

झारखंड कृषि ऋण माफ़ी योजना

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र पर निर्भर है | किसानों के लिए राज्य सरकार कृषि ऋण माफी योजना लेकर आई है | इस योजना का शुभारम्भ 1 फ़रवरी से किया जा चूका है | झारखंड कृषि ऋण माफ़ी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया जा रहा है | इसके अलावा कुछ नई योजनाएं भी लाई गई हैं |

किसान सर्विस सेंटर की स्थापना

समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत प्रत्येक जिले से ग्राम का चयन करते हुए बिरसा ग्राम के रूप में नामित किया जायेगा | इस योजना के अंतर्गत किसान सर्विस सेंटर की स्थापना कर कृषक समूह को प्रशिक्षित करते हुए कृषि के विभिन्न आयामों से जोड़ते हुए किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके | इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत 61 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

किसान सम्रद्धि योजना

योजना के तहत प्रत्येक जिले के विभिन्न प्रखंडों में सोलर आधारित डीप बोरिंग करते हुए सिंचाई सुविधा सामूहिक रूप से उपलब्ध करवाई जाएगी | इस हेतु आगामी वितीय वर्ष में 45.83 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

उद्यानिकी फसलों की खेती

शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती का उद्देश्य श्री क्षेत्रों में घरों के आस-पास खाली पड़ी भूमि में गृह वाटिका विकसित करते हुए शहर के निवासियों के लिए अत्यंत कम लागत पर ताज़ी सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है | इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में 5000 पौष्टिक गृह वाटिका के लिए 2 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

झारखंड राज्य उद्यान प्रोत्साहन सोसाइटी

योजना का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी संस्थागत व्यवस्था का विकास करना है, जो क्षेत्र स्तर पर उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन के द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर सकें | इस सोसाइटी के गठन के फलस्वरूप पर्याप्त संख्या में तकनिकी रूप से सक्षम मानव बल की सेवा प्राप्त की जा सकेगी | इस सोसाइटी के गठन के पश्चात् कृषकों, कृषि उद्यमियों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा | इस हेतु इस बजट में 10 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है |

चैम्बर ऑफ कॉमर्स का गठन

इसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना एवं मार्किट लिंकेज की सम्भावना को बढ़ाना है | चैम्बर ऑफ कॉमर्स के गठन के फलस्वरूप कृषक समूह विकसित होंगे एवं राज्य में लघु कृषि उद्योग का विकास हो सकेगा तथा कृषकों को अपने उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा एवं कई छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा सकेगी | इस हेतु इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

पोस्ट हार्वेस्ट एवं प्रिजर्वेशन आधारभूत सरंचना का विकास

योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यानिकी फसलों के कटाई के पश्चात् होने वाले नुकसान की रोकथाम करना एवं फलों एवं सब्जियों की सेल्फलाइफ को बढ़ाते हुए ज्यादा समय तक संरक्षित रखना है | इसके तहत राज्य में कुल 24 शीतग्रह/ लघु शीतग्रह की स्थापना के लिए 31 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है |

झारखंड राज्य फसल राहत योजना

राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्थान पर झारखंड राज्य फसल राहत योजना की शुरुआत की गई है | जिसके अंतर्गत प्रतिकूल मौसम के कारन फसलों के उत्पादन में नुकसान होने की स्थिति में क्षति का आकलन कर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी | इसके लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष कुल 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

पशुपालन क्षेत्र में किसानों को क्या मिला

झारखंड को बनाया जायेगा गोट स्टेट (Goat Estate)
  • चतरा जिला के अन्दर वृहद भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्राधीन बकरा विकास के लिए गोट स्टेट का विकास किया जायेगा | इसका मुख्य उद्देश्य दुग्ध और मांस का उत्पादन बढ़ाना है | इस योजना के सञ्चालन से सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी |
  • गौरियाकरमा एवं खूँटी में चूजा प्रजनन केंद्र स्थापित किये जाने की योजना है | इससे मुर्गी पालकों को कम दर पर स्थानीय स्तर से चूजा उपलब्ध कराया जा सकेगा | साथ ही साथ स्थानीय नस्ल की मुर्गी का उत्पादन भी बढाया जा सकेगा |
  • गो मुक्ति धाम के लिए नई योजना की शुरुआत की जाएगी जिससे मृत्यु के बाद गो शारीर को पवित्र तरीके से निशापदन कराया जा सके | इसके लिए प्रत्येक प्रमंडल में एक-एक गो मुक्ति धाम स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है |
  • जोड़ा बैल वितरण योजना के अन्तरगत राज्य के प्रक्षेत्रों तथा अन्य गो पालकों द्वारा प्राप्त नर बछाओं को बैल के रूप में तैयार किया जायेगा | इस बैलों को राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को वितरित किया जायेगा, ताकि किसानों को कम लागत में खेती कार्यों में सहयोग मिल सके तथा अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके |

डेयरी किसानों को क्या मिला

दुधारू मवेशी पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा के तहत राज्य के 30 हजार डेयरी किसानों को लाभान्वित किया जायेगा | ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों/ प्रगतिशील डेयरी के लिए अतिरिक्त आमदनी के सृजन तथा स्वरोजगार के उद्देश्य से अनुदानित दर पर 2 दुधारू गाय वितरण, कामधेनु डेयरी फार्मिंग, प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता, हस्त एवं विद्युत चालित चेफ कटर का वितरण तथा तकनिकी इनपुट सामग्रियों के वितरण की योजना प्रस्तावित है | इसके अलावा गिरडीह में नए डेयरी प्लांट एवं रांची में मिल्क प्रोडक्ट प्लांट एवं मिल्क पाउडर प्लांट की स्थापना की जाएगी |

मछली पालन के लिए बजट में क्या है

  • आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार ने 2,65,000 मेट्रिक टन मछली के उत्पादन का लक्ष्य रखा है | स्थानीय स्तर पर मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 7,390 स्थानीय मत्स्य बीज उत्पादकों को अनुदान पर मत्स्य स्पान, स्पान-आहार तथा फ्राई कैचिंग नेट उपलब्ध कराया गया है | इस वर्ष 7,500 स्थानीय मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से 1100 करोड़ मछली बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है |
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में जलाशयों में मछली मारने वाले स्थानीय विस्थापितों मछुआरों के लिए सामाजिक मत्स्यिकी के तहत मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन तथा अनुदान पर नाव देने का प्रस्ताव है | मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए फीड बेस्ड फिशरीज एवं इम्प्रूव वेराइटी की मछलियों का पालन किया जायेगा | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत केन्द्रांश तथा राज्यांश के सहयोग से राज्य के मछुआरों/ प्रगतिशील मत्स्य कृषकों/मत्स्य विक्रेताओं/ रंगीन मछली पलकों तथा लघु उद्यमियों को अनुदान/ आर्थिक सहायता दी जाएगी |
  • केज कल्चर विस्तार योजना के तहत जलाशयों में नए केजों का अधिष्ठापन कर मछली पालन तथा पुराने केजों का रिमोडलिंग कराते हुए मछली पालन कराया जायेगा | समेकित मत्स्य पालन योजना प्रायोगिक तौर पर मछली-सह-बत्तख एवं मछली-सह-सूकर पालन हेतु आरम्भ की जाएगी |
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