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5 फरवरी तक यहाँ आयोजित किया जा रहा है कृषि मेला, किसानों को मिलेंगे यह लाभ

krishi mela 2024 up

कृषि मेला 2024

देश में किसानों को खेती-किसानी, पशुपालन एवं मछली पालन की नई-नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा समय-समय पर किसान मेलों का आयोजन किया जाता है। किसान इन मेलों में जाकर ना केवल कृषि की नई तकनीकों के बारे में जान सकते हैं बल्कि खेती में उन्हें आ रही समस्याओं का समाधान भी वैज्ञानिकों से प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे ही एक किसान मेले का आयोजन वाराणसी स्थित भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान IIVR में किया जा रहा है। यह विशाल क्षेत्रीय किसान मेला 3 से 5 फरवरी 2024 तक शहंशाहपुर परिसर में तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा। इस मेले में उत्तर प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सूर्य प्रताप शाही मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् ICAR के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक भी उपस्थित रहेंगे।

मेले से किसानों को मिलेगा यह लाभ

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार बोहरे ने बताया कि उन्नत कृषि उपायों के माध्यम से मानव स्वास्थ्य एवं कृषक समृद्धि पर आयोजित होने वाले इस मेले में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, सब्जियों की उन्नत खेती, पॉली हाउस, हाई टेक नर्सरी, जैविक खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, कृषि यंत्रीकरण, ड्रोन, कीट एवं रोग प्रबंधन जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएँगे, जिसमें देशभर से आए कृषि विशेषज्ञ किसानों के साथ संवाद करेंगे।

यह मेला एसोसिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ इनोवेशन इन वेजिटेबल्स, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राज्य सरकार, सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। मेले में मुख्य आकर्षण सब्ज़ी प्रदर्शनी एवं विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा कृषि उत्पादों/ यंत्रों का प्रदर्शन एवं विक्रय है। मेले में केंद्र सरकार, विश्वविद्यालयों, आईसीएआर संस्थानों, कृषि-व्यवसाय संस्थानों और अनेक कंपनियों के कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और 6 अलग-अलग राज्यों के 5 हजार से अधिक किसान तीन दिनों तक आयोजित होने वाले इस मेले में भाग लेंगे।

कृषि मेले में यह रहेगा खास

  • मेले में विभिन्न संस्थानों द्वारा विकसित गुणवत्तायुक्त बीजों का विक्रय किया जाएगा एवं आधुनिक कृषि प्रोद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा,
  • पॉली हाउस में सब्ज़ियों की खेती,
  • विभिन्न फसलों की जैविक खेती का प्रदर्शन,
  • वर्मी-कंपोस्टिंग का सजीव प्रदर्शन,
  • फसल कटाई उपरांत संरक्षण हेतु नवीन तकनीकी एवं उत्पाद का प्रदर्शन,
  • बीज उत्पादन तकनीकियों का प्रदर्शन,
  • ड्रोन द्वारा पोषक तत्वों एवं कीटनाशकों के छिड़काव का प्रदर्शन,
  • कृषि मशीनीकरण/ कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी एवं विक्रय,
  • कृषक-वैज्ञानिक संवाद/ परिचर्चा हेतु किसान सम्मेलन,
  • किसानों को बैंकों से दिये जाने वाले कृषि ऋण और योजनाओं की जानकारी आदि।

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान IIVR क्या काम करता है?

देश में सब्जी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 1999 में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) की स्थापना वाराणसी में हुई थी। भारत में पूरी तरह सब्जी अनुसंधान पर समर्पित यह अकेला संस्थान है जहां सब्जी की नई उन्नतशील किस्में, उनकी सस्य प्रोद्योगिकी एवं कीट तथा बीमारियों के प्रभावकारी नियंत्रण के लिए अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। संस्थान द्वारा अब तक सब्जियों की 76 मुक्त परागित तथा 12 संकर किस्मों का विकास किया जा चुका है।

इसके साथ-साथ सब्जियों की अनुमोदित किस्मों के बीज का उत्पादन भी किया जा रहा है l संस्थान द्वारा विकसित इन तकनीकों को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, किसान गोष्ठी, प्रशिक्षण, किसान मेला आदि के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है।

किसान मेले में कैसे पहुँचे

यह किसान मेला उत्तर प्रदेश के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शहंशाहपुर वाराणसी में आयोजित किया जा रहा है। मेले का आयोजन वाराणसी मुख्यालय से दक्षिण-पश्चिम की ओर लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी- मोहनसराय रोड पर स्थित है। यह बी.एल.डव्ल्यू. चुनार रोड से भी जुड़ा हुआ है। वाराणसी हवाई, रेल एवं सड़क मार्ग से देश के अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जिससे बड़ी ही सुगमता से मेला परिसर तक पहुँचा जा सकता है।

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