औषधीय पौधों का वितरण
कोरोना काल के बाद देश में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है | ऐसे में देश को औषधीय क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अभियान की शुरुआत की गई है | जिसमें आमजन एवं किसानों को औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | इस कड़ी में आयुष मंत्रालय ने देशभर में 45 से अधिक स्थानों पर“आयुष आपके द्वार”अभियान शुरू किया। आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई ने आयुष भवन में कर्मचारियों को औषधीय पौधे वितरित कर इसअभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए डॉ. मुंजापारा ने लोगों से औषधीय पौधों को अपनाने और अपने परिवार के एक अंग के रूप में उनकी देखभाल करने की अपील की।
यह औषधीय पौधे किए जाएंगे वितरित
इस अभियान की शुरूआत से जुड़ी गतिविधियों में आज कुल 21 राज्य भाग ले रहे हैं और इस दौरान दो लाख से अधिक पौधे वितरित किए जायेंगे। इस अभियान का उद्देश्य एक वर्ष में देशभर के 75 लाख घरों में औषधीय पौधे वितरित करना है। इन औषधीय पौधों में तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, जटामांसी, गिलोय/गुडुची, अश्वगंधा, कुमारी, शतावरी, लेमनग्रास, गुग्गुलु, तुलसी, सर्पगंधा, कालमेघ, ब्राह्मी और आंवला शामिल हैं।
75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में की जायेगी औषधीय पौधों की खेती
आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (नेशनल मेडीसिनल प्लांट्स बोर्ड-एनएमपीबी) ने देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की है। अभियान के तहत, देशभर में अगले एक वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती की जायेगी। कार्यक्रम की शुरूआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है।
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