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क्या किसानों को भी देना होगा टैक्स? जानिए इस सवाल पर सरकार ने संसद में क्या कहा?

tax on agriculture Income

कृषि आय पर इनकम टैक्स

अभी तक कृषि से होने वाली आय को टैक्स फ्री रखा गया है, जिससे किसानों को कृषि से होने वाली आय पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना रहता है। परंतु 13 फरवरी को सोमवार के दिन लोकसभा में सांसद श्री श्याम सिंह यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार की भारत में कृषि आय को कर योग्य बनाने के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा (1) में परिवर्तन करना चाहती है यदि हाँ, तो इससे सम्बंधित जानकारी साझा की जाए और यदि न तो इसके क्या कारण है ?

इसके अलावा उन्होंने सरकार से अपने सवाल में पूछा कि क्या इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए कोई समिति गठित की गई है और यदि की गई है तो इसके क्या परिणाम रहे हैं?

नहीं लगेगा कृषि आय पर टैक्स

सांसद श्री श्याम सिंह यादव द्वारा पूछे गए इन सवालों का जबाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने बताया की अभी सरकार के पास ऐसे कोई प्रस्ताव नहीं है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार, कृषि आय पर कर राज्य सूची के अंतर्गत आता है। उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि पिछले पाँच साल में कृषि आय पर टैक्स लागने को लेकर कोई समिति गठित नहीं की गई है। 

क्या मंडियों में गेहूं और चावल बेचने पर लगेगा जीएसटी

वहीं श्रीमती हरसीमरत कौर बादल ने लोकसभा में सरकार से सवाल किया की क्या माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद की राष्ट्रीय समिति ने मंडियों में गेहूं और चावल जैसे खाद्यानों की बिक्री पर जीएसटी लगाने की अनुशंसा की गई है और यदि हैं तो इसकी जानकारी दी जाए। जिसका जबाब देते हुए वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद ने दिनांक 28 जून, 2022 को चंडीगढ़ में आयोजित अपनी 47वीं बैठक में सिफ़ारिश है कि ब्रांड नाम वाले कुछ विनिदृष्ट वस्तुओं पर जीएसटी लगाए जाने की बजाय “प्री-पैकेज्ड और लेबल वाली/लगी हुई वस्तुओं पर जीएसटी लगाना चाहिए।

दरों के युक्तिकरण और कर की चोरी को रोकने के उपाय के रूप में त्रिस्तरीय में ऐसी प्रक्रिया के पश्चात किया गया था जिसमें राज्यों के अधिकारियों की फिटमेंट समिति, इसके बाद परिषद द्वारा गठित दर युक्तिकरण पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) शामिल थे, और अंत में जीएसटी परिषद द्वारा सिफ़ारिश की गई थी। हालाँकि, जब ऐसी वस्तुओं को खुले रूप में या 25 किलोग्राम से अधिक मात्रा के बड़े पैकेट में बेचा जाता है तो ऐसी वस्तुओं को बेचने पर जीएसटी से छूट मितली रहेगी। सिफ़ारिश को केंद्र और राज्यों द्वारा लागू किया गया था।

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