Home किसान समाचार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए दिया गया प्रशिक्षण

किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए दिया गया प्रशिक्षण

Prakritik Kheti Training CG

प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम

फसलों की लागत कम करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही आम जन को रसायन मुक्त खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है जिनके तहत किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए अनुदान के साथ ही प्रशिक्षण दिया जाता है। इस क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगाँव में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया।

भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग समन्वित पोषक तत्व संभाग नई दिल्ली द्वारा संचालित प्राकृतिक खेती योजना के अंर्तगत कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के मृदा वैज्ञानिक श्रीमती अंजली घृतलहरे द्वारा जिले के ग्राम मगरलोटा एवं मनगटा में लगभग 100 महिला कृषकों को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण दिया गया।

प्राकृतिक तरीके से दवाएँ बनाने का दिया गया प्रशिक्षण

प्रशिक्षण में किसानों को रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया गया। प्राकृतिक खेती के मुख्य घटक जैसे- बीजामृत, जीवामृत, पलवार, वापसा के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को कृषि में बीजों के उपचार के लिए बीजामृत एवं मृदा में पोषक तत्व एवं उर्वरकता बढ़ाने के लिए घनजीवामृत व खड़ी फसलों में पोषक तत्व के छिड़काव के लिए जीवामृत बनाने की सभी प्रक्रिया का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही स्फूर व जड़ों की मजबूती के लिए राख युक्त स्फूर खाद बनाया गया।

प्राकृतिक तरीके से कीटनाशक बनाने की दी गई जानकारी

प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को खेती में कीड़े बीमारी से बचाव के लिए निमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्नि अस्त्र व मठा से उत्पाद बनाने संपूर्ण विधि एवं उपयोग की प्रायोगिक रूप से प्रशिक्षण दिया गया। मृदा की नमी एवं खरपतवार के नियंत्रण के लिए पैरा के पलवार को उपयोग करने के लिए किसानों को जागरूक किया गया।

वैज्ञानिक डॉ. अतुल डांगे ने प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि  अवयव का उपयोग कर वातावरण एवं मृदा की उपजाऊ क्षमता, मृदा में उपस्थित विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव एवं देशी केचुओं की संख्या में वृद्धि होती है। पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाने में मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीवों का बहुत महत्व है। इससे प्राप्त होने वाले उत्पाद रासायनिक मुक्त होने से मनुष्य के स्वास्थ्य भी सेहतमंद रहता है।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version