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प्राकृतिक खेती के लिए खोले जाएँगे प्रशिक्षण केंद्र, किसानों को गाय पालन के लिए दिया जाएगा अनुदान

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प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण एवं अनुदान

किसान प्राकृतिक खेती से कम लागत के साथ जैविक पैदावार बढ़ावा सकते हैं और अपनी आय में भी वृद्धि कर सकते हैं। प्राकृतिक खेती का उद्देश्य रसायन मुक्त कृषि, प्रकृति के अनुरूप जलवायु खेती को बढ़ावा देना और पर्यावरण एवं जलवायु प्रदूषण में कमी लाते हुए इस पद्धति को स्थाई आजीविका के रूप में स्थापित करना है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण एवं गाय पालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक किसानों को इस ओर प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रही है। 

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि अभी तक कहीं भी प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च पेपर उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए हरियाणा राज्य को इस दिशा में कदम बढ़ाने होंगे और प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च पेपर तैयार करने होंगे, जिसमें इस पद्धति की पूरी प्रक्रिया, समयावधि और परिणामों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके।

प्राकृतिक खेती के लिए बनाए जाएँगे नए प्रशिक्षण केंद्र

हरियाणा सरकार किसानों को जागरूक और प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। वर्तमान में 2 प्रशिक्षण केन्द्रों गुरुकुल, कुरुक्षेत्र और घरौंडा, करनाल में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, जल्द ही तीन स्थानों चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हमेटी, जींद तथा मंगियाणा, सिरसा में 3 और प्रशिक्षण केंद्र स्था‌पित किये जाएंगे। किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए खंड में एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती करवाई जाएगी। अब तक 5 जिलों में इस प्रकार के प्रदर्शनी खेत तैयार किये जा चुके हैं।

लगभग 3,000 किसानों ने प्राकृतिक खेती के लिए कराया पंजीयन 

हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2022 में पोर्टल लॉन्च किया था, जिस पर प्राकृतिक खेती अपनाने के इच्छुक किसान अपना पंजीकरण करवा सकें। अब तक इस पोर्टल पर 2992 किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया है। 1201 किसानों ने रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती करने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा, 3600 मृदा सैंपल भी एकत्रित किए गए हैं।

प्राकृतिक खेती के लिए अब तक 405 एटीएम, बीटीएम तथा 119 प्र‌गतिशील किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये अब मास्टर ट्रेनर के रूप में अन्य किसानों को प्रशिक्षित करने का काम करेंगे। इतना ही नहीं, 151 युवाओं को भी इस खेती की पद्धति का प्रशिक्षण दिया गया है।

गाय पालन के लिए दिया जाएगा अनुदान

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रूपये तक की सब्सिडी व प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रमों के लिए हर किसान को 3 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। प्राकृतिक खेती के उत्पादनों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही, ऐसी योजना भी तैयार की गई है , ताकि बाजार में ग्राहकों को इस बात की शंका न रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पादन है या नहीं।

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