Home किसान समाचार किसानों की आय बढ़ाने के लिए दिए जाएंगे टिश्यू कल्चर पद्धति से...

किसानों की आय बढ़ाने के लिए दिए जाएंगे टिश्यू कल्चर पद्धति से तैयार सागौन पौधे

sagwan plant tissue culture

टिश्यू कल्चर पद्धति से तैयार सागौन पौधे

सागौन का पेड़ जंगली लकड़ी होने के वाबजूद भी लम्बे समय से किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत बना हुआ है | सागौन की खेती कम भूमि तथा कम खर्च में होने के कारण किसानों के बीच और दुसरे लकड़ी वाले पेड़ कि तुलना में अधिक लोकप्रिय है | इसकी बाजार स्थानीय स्तर पर मिल जाने के कारण किसान को बेचने में किसी भी प्रकार कि परेशानी नहीं होती है | अभी वर्तमान समय में सागौन कि लकड़ी का मूल्य 50 से 60 हजार रूपये प्रति घनमीटर है |

मांग बढने के कारण बाजार में सागौन का अच्छे क्वालिटी के पौधा नहीं मिल पा रहा है | यह देखा गया है कि सागौन का पड़े बड़े होने पर कई प्रकार की बीमारी से ग्रसित होकर सुख जाते हैं इसके अलावा पेड़ कि ऊँचाई पहले कि भांति कम है | इसे ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सागौन कि उच्च क्वालिटी के पौधे तैयार किया है | यह सभी पौधे रोग मुक्त तथा 28 मीटर तक लम्बे होते हैं | सागौन के इस पौधे को टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में तैयार किया गया है | एस पद्धति से तैयार पौधे रोग मुक्त होने के साथ ही कम समय में ज्यादा विकसित हो जाता है | किसान समाधान इस पद्धति कि पूरी जानकारी लेकर आया है |

क्या है टिश्यू कल्चर पद्धति ?

टिश्यू कल्चर पद्धति में विभिन्न चरणों में सागौन पौधा तैयार होता है | चयनित धन वृक्षों कि शाखायें लेकर उपचार के बाद पालिटनल में रखकर अंकुरित करते हैं | अंकुरण के बाद तीन–चार से.मी. कि शूट होने पर उसको एक्सप्लांट के लिए अलग कर लेते हैं | इसके बाद एक्सप्लांट कि सतह को एथनाल आदि से अच्छी तरह साफ़ कर इसे कीटाणु रहित किया जाता है | तत्पश्चात स्तरलाइज्म एक्सप्लांट को सावधानीपूर्वक टेस्ट ट्यूब में ट्रांसफर किया जाता है | टेस्ट ट्यूब में पौधा 25 डिग्री सेल्सियस + 2 डिग्री सेल्सियस पर 16 से 18 घंटे की लाइट पर 45 दिनों तक रखा जाता है | लगातार दो हप्ते कि निगरानी ओर तकनीकी रखरखाव के बाद एक्सप्लांट से नई एपिक्ल शूट उभर आती है |

अब इनकी 6 से 8 बार सब क्लचरिंग कि जाती है | लगभग 30 से 40 दिनों के बाद 4 से 5 नोड वाली शूट्स प्राप्त होती है | जिन्हें फिर से काटकर नये शूटिंग मिडिया में इनोक्यूलेट किया जाता है | इसके बाद शूट को डबल शेड के निचे पालीप्रोपागेटर में 30 से 35 डिग्री तापमान ओर 100 प्रतिशत आद्रता पर लगाया जाता है | लैब में तैयार पौधे वर्तमान में 15 से.मी. ऊँचे हो चुके हैं |

पौधे कहाँ तैयार किए जा रहे हैं

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे ने बताया कि इंदौर कि टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में सागौन, बाँस ओर संकटापन्न प्रजाति को पौध तैयार का कार्य राज्य अनुसन्धान विस्तार जबलपुर ओर इंस्टिट्यूट आँफ फारेस्ट जेनेटिक्स एंड ट्री ब्रीडिंग कोयम्बटूर के तकनीकी सहयोग से सफलतापुर्वक किया जा रहा है |

यह सागौन 28 मीटर तक ऊँचे होंगे

वर्ष 2019 से प्रारंभ इस कार्य के लिए देवास वन मंडल के पुंजापुर परिक्षेत्र के चयनित 2320 उत्कृष्ट सागौन वृक्षों में से पञ्च धन वृक्षों का चयन किया गया | इनमें रातातलयी के चार और जोशी बाबा वन समिति का एक सागौन वृक्ष शामिल है | इन वृक्षों कि ऊँचाई लगभग 28 मीटर ओर चौडाई 72 से.मी. हैं | धन वृक्ष से आशय है बिमारी रहित सर्वोच्च गुणवत्ता वाले वृक्ष |

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

Notice: JavaScript is required for this content.

4 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version