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राज्य में कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने की 60 लाख बीटी कपास बीज की व्यवस्था

Field of Ripe Cotton Plants

कपास उत्पादन के लिए बीज

पिछले कुछ समय से किसानों को कपास का बाज़ार में अच्छा भाव मिल रहा है, जोकि सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक है। जिससे किसानों का रुझान कपास की खेती की ओर बढ़ा है। कपास की खेती से हो रहे किसानों को लाभ को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस वर्ष राज्य में कपास उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस बार कपास उत्पादन का खरीफ 2022 सीजन के लिए 19.25 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है।

राज्य में कपास उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी के साथ ही कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पहले ही पिंक बॉल वर्म को नियंत्रित करने के लिए कार्य योजना की समीक्षा कर ली है और फील्ड स्टाफ को अपने किसान जागरूकता अभियान को पूरा करने और पुराने कपास के ढेर की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इन जिलों में होती है कपास कि खेती 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कपास मुख्य रूप से सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, सोनीपत, पलवल गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी दादरी, नारनौल, झज्जर, पानीपत, कैथल, रोहतक और मेवात जिलों में उगाई जाती है। पिछले सीजन के दौरान कपास 15.90 लाख एकड़ क्षेत्र में उगाई गई थी। राज्य के कुछ हिस्सों में पिंक बॉल वर्म से कपास की फसल को नुकसान भी हुआ था। इस बार कृषि विभाग ने खरीफ 2022 सीजन के लिए 19.25 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है।

किसानों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण 

कपास में पिंक बॉल वर्म के गंभीर खतरे को ध्यान में रखते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने कपास उत्पादक जिलों के लगभग 85 प्रतिशत गांवों को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के साथ मिलकर किसानों को किसान मेलों, गोष्ठियों और प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित करने के लिए  पहले ही कवर कर लिया है। कपास की खेती के क्षेत्र को बढ़ाने और बेहतर उत्पादन के लिए पूरे फसल मौसम में विभिन्न सलाह को लागू करने के लिए एक साप्ताहिक कार्यक्त्रम / गतिविधि कैलेंडर भी तैयार किया है। उपज में हानि से किसानों को बचाने के लिए पिंक बॉल वर्म के प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया है। 

बीटी कपास बीज पर्याप्त मात्रा में है उपलब्ध

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि कृषि विभाग ने बीटी कपास बीज के लगभग 60 लाख पैकेट की व्यवस्था भी की है जो राज्य की आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त है।

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