जैविक खेती से कमाई
खेती में लगातार लागत बढ़ने से किसानों का रुझान जैविक खेती की ओर बढ़ा है, जैविक खेती के लाभकारी होने के चलते अब सरकारों के द्वारा भी जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही है | यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सभी किसानों को अपनी जमीन के थोड़े हिस्से में जैविक खेती करनी चाहिए| मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के ग्राम बघोली के किसान जयराम गायकवाड़ ऐसे ही किसान हैं | उनके पास अपनी 30 एकड़ जमीन है, जिसमें से सिर्फ 10 एकड़ जमीन का उपयोग जैविक खेती के लिये करके वो सालाना 35 लाख रुपये कमा रहे हैं |
जयराम पाँच एकड़ में गन्ने की खेती, दो एकड़ में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, गौशाला और गोबर गैस संयंत्र, डेढ़ एकड़ में जैविक गेहूँ और शेष डेढ़ एकड़ में जैविक सब्जियाँ उगा रहे हैं। गौशाला में उनके पास 55 गौवंश हैं, जिनसे उन्हें रोज लगभग डेढ़ सौ लीटर दूध मिलता है।
जैविक गुड़, दूध एवं मावा बेचकर भी करते हैं कमाई
जयराम बताते हैं कि वह मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, भोपाल से पंजीकृत होने के बाद पिछले 15 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गन्ने से वह जैविक गुड़ का निर्माण करते हैं, जो बाजार में 60 रुपये प्रति किलो के अच्छे दाम पर बिक जाता है। सुबह का दूध वह बाजार में बेच देते हैं और शाम के दूध से वह मावा, पनीर, दही एवं मठा तैयार कर बेचते हैं। इससे उन्हें काफी अच्छी आमदनी हो जाती है।
वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचकर भी करते हैं कमाई
जैविक खाद के रूप में वे वर्मी कम्पोस्ट भी बनाते हैं, जिसकी बिक्री से भी उन्हें अच्छी आमदनी होने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वह जरूरत होने पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर कृषि क्षेत्र में आई नई तकनीकी से स्वयं के काम और जानकारी को अद्यतन भी करते रहते हैं। अब आसपास के गाँव के किसान भी जयराम से मार्गदर्शन लेने आने लगे हैं।
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