अनुदान पर बांस एवं लोहे की स्टैकिंग में सब्जियों की खेती
आधुनिक कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ खेती करना आसान हो गया है बल्कि किसान कम क्षेत्र में अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं | इस विधि द्वारा मुनाफा और फसलों की पैदावार भी अधिक होती है। ‘स्टैकिंग’ तकनीक से पहले किसान पुरानी तकनीक से ही सब्जियों और फलों की खेती करते थे। लेकिन अब किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर रहे हैं क्योंकि यह बहुत ही आसान है। इस तकनीक में बहुत ही कम सामान का प्रयोग होता है। इसमें बांस व लोहे के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है।
हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को स्टैकिंग तकनीक से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान दे रही है | जिसका लाभ लेकर किसान अपने खेतों में सब्जियों की खेती बांस या लोहे की स्टैकिंग बनाकर कर सकते हैं | हरियाणा सरकार द्वारा सब्जियों में बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग करने के लिए किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।
बांस स्टैकिंग व लौह स्टैकिंग पर दी जाने वाली सब्सिडी
राज्य सरकार द्वारा बांस स्टैकिंग व लौह स्टैकिंग पर अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है। बांस स्टैकिंग की 62,500 रुपए प्रति एकड़ लागत पर 31,250 से लेकर 56,250 रुपए तथा लौह स्टैकिंग की एक लाख 41 हजार रुपए प्रति एकड़ लागत पर 70,500 से लेकर एक लाख 26 हजार रुपए तक अनुदान किया जा रहा है। दोनों तरह की स्टैकिंग पर अधिकतम अनुदान क्षेत्र एक से 2.5 एकड़ है।
अनुदान के लिए कहाँ करें आवेदन
बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग वाली इस योजना का क्रियान्वयन राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है | इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए विभाग के बागवानी पोर्टल http://hortharyanaschemes.in/ पर ऑनलाइन आवदेन करना होगा।
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