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फलदार पौधों के साथ हल्दी, अदरक एवं ओल की खेती पर सरकार दे रही है 50 प्रतिशत अनुदान

Ginger, turmeric and ol farming on subsidies

अनुदान पर अदरक, हल्दी एवं ओल की खेती

देश में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक खेत में ही एक साथ कई फसल प्राप्त करने की जरूरत है | इसके लिए अंतरवर्तीय फसलों की खेती पर जोर दिया जा रहा है | जिसमें एक समय में एक से अधिक खेती करने पर किसान कि आय में बढ़ोतरी होती है | इसको बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने राज्य स्कीम मद से उधान विकास हेतु वैसे घटक, जो राष्ट्रीय बागवानी मिशन/मुख्यमंत्री बागवानी मिशन में समाहित नहीं है, उन सभी घटकों को एक साथ समेकित कर एक नई योजना का स्वरूप वित्तीय वर्ष 2020–21 में तैयार किया है | योजना के तहत अंतरवर्ती फसल कार्यक्रम फलदार पौधों के बगीचों में हल्दी, अदरक, ओल लगाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहन के लिए अनुदान भी देगी | 

इसका उद्देश्य किसानों को उधान के क्षेत्र में अतिरिक्त संभावना वाले घटकों के लिए सहायता प्रदान कर उनकी आय के सृजन तथा आमदनी स्रोत को बढ़ावा देना है | इस योजनान्तर्गत शुष्क क्षेत्रों में फलों का प्रत्यक्षण अंतरवर्ती फसल को बढ़ावा देना, लत्तिदार सब्जियों हेतु अलान का अस्थायी निर्माण एवं गुणवता पूर्ण सब्जियों के पौध वितरण का कार्य भी शामिल है | 

इन जिलों के किसान ले सकते हैं योजना का लाभ

बिहार एकीकृत उधान विकास योजना शत–प्रतिशत राज्य योजना से वित्त पोषित है | वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020–21 में राज्य स्कीम मद से शत – प्रतिशत 1459.3612 लाख रूपये मात्र की योजना का कार्यन्वयन कराया जायेगा | इस हेतु कृषि विभागीय उदव्यय के अधीन शत–प्रतिशत राज्य स्कीम मद से सहायतानुसार दिया जायेगा |

यह योजना राज्य एक 12 जिलों में लागू किया गया है | बिहार राज्य पोषित एकीकृत उधान विकास योजना राज्य के 12 जिलों में लागू किया गया है | यह जिले इस प्रकार है :- भागलपुर, सहरसा, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज्जफरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, दरभंगा, बेगुसराय, एवं खगड़िया |

अदरक,हल्दी एवं ओल पर 50 प्रतिशत अनुदान

यह योजना राज्य के 12 जिलों में लागू की गई है  | इसके लिए 12 जिलों में अंतरवर्ती फसल कार्यक्रम का भौतिक लक्ष्य 3999 हेक्टेयर है, जिस पर 852 लाख रूपये का अनुदान  राशि का प्रावधान किया गया है | लक्ष्य के आलोक में भौतिक उपलब्धि 1715.57 हेक्टेयर है, शेष उपलब्धि प्रक्रियाधीन है |

कृषकों को प्रति हेक्टेयर बगीचे में उपलब्ध खाली / प्रति भू – भाग के वास्तविक रकबा 0.36 हेक्टेयर हेतु अंतरवर्ती फसल के रूप में ओल, हल्दी एवं अदरक की खेती के लिए कृषकों को उपरोक्त फसलों के बीज एवं जैविक उत्पादन पर व्यय की गयी राशि अथवा राज्य के कृषि विश्वविधालयों द्वारा संबंधित फसल (ओल, हल्दी एवं अदरक) के बीज हेतु निर्धारित राशि में से जो कम होता है, उक्त राशि का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति पूर्ति किया जाता है |

सीधे बैंक खातों में दिया जायेगा अनुदान

बीज का क्रय उक्त दर निर्धारण के आधार पर केंद्र/राज्य सरकार के बीज प्रतिष्ठानों से किया जा सकता है | भारत सरकार की मार्गदर्शिका एवं उधान की अन्य योजनाओं की भांति इस योजना में भी किसानों के लिए डी.बी.टी. इन कैश एवं डी.बी.टी. इन काईड दोनों विकल्प होते हैं | किसान अपनी इच्छानुसार किसी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं |

अदरक, हल्दी एवं ओल पर 50 प्रतिशत अनुदान किसान यहाँ करें आवेदन

बिहार के उद्यानिकी विभाग द्वारा योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की है | एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान के पास 13 अंक का डी.बी.टी. नंबर होना चाहिए | अगर जिस किसान के पास यह नंबर नहीं है वह आधार कार्ड से पहले आवेदन कर लें | इस योजना का आवेदन ऑनलाइन है तथा किसान यहाँ से आवेदन कर सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए इच्छुक किसान अपने प्रखंड स्तर पर या जिले के उद्यानिकी विभाग कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं |

फलदार पौधों के साथ हल्दी,अदरक एवं ओल की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

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