सोलर पम्प अनुदान में की गई वृद्धि
देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए देश भर में अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा राज्य में सौर ऊर्जा नीति बनाई जा रही है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा नीति–2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह नीति जारी होने की तिथि से प्रभावी होगी तथा 05 वर्ष की अवधि तक अथवा राज्य सरकार द्वारा नई नीति अधिसूचित करने की अवधि से जो भी पूर्व हो, तक लागू रहेगी।
मंत्रिपरिषद ने ( कुसुम सी -2) पृथक कृषि फीडर के सौरकरण हेतु 2,000 मेगावाट क्षमता संयंत्रों की स्थापना पर 50 लाख रूपये प्रति मेगावाट की दर से राज्य वी.जी.एफ. एवं (कुसुम सी-1) निजी ऑन ग्रिड पम्प के सोलरराइजेशन पर राज्य सरकार द्वारा मुसहर, वनटांगिया, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 70 प्रतिशत सब्सिडी एवं अन्य कृषकों को 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने एवं नीति काल अवधि में 05 वर्षों में कुल 1,000 करोड़ रूपये के अनुदान की स्वीकृत दी है।
कुसुम योजना के तहत दिया जाएगा 90 प्रतिशत अनुदान Subsidy
केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना के घटक सी-1 में किसानों को उनके अपने स्थापित नलकूपों पर सोलर उर्जीकरण करने पर केंद्र सरकार की और से 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना को प्रदेश में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश में आवासित मुसहर, वनटांगिया तथा अनुसूचित जनजाति के कृषकों को केंद्र सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त 70 प्रतिशत और अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार इस श्रेणी के किसानों के नलकूपों को नि:शुल्क सौर उर्जीकृत किया जाएगा।
वहीं राज्य के अन्य किसानों को केंद्र सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान 30 प्रतिशत के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत और अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार अन्य श्रेणी के किसानों के नलकूपों को सौर उर्जीकरण करने के लिए 90 प्रतिशत राजकीय अनुदान प्राप्त होगा। जिससे किसानों को अब मात्र 10 प्रतिशत अंशदान ही देना होगा जो कि अनुमानतः अधिकतम लगभग 55,000 रुपए होगा।
पीएम कुसुम योजना घटक सी-2 के तहत दिया जाएगा अतिरिक्त अनुदान
पावर कारपोरेशन द्वारा एग्रीकल्चर फीडर अलग चिन्ह्न्कित कर लिए हैं। इन फीडरों के सौर ऊर्जीकरण की यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 1.05 करोड़ प्रति मेगावॉट की दर से अनुदान दिया जाता है | इस योजना को वाणिज्यिक रूप से वायबल बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा 50 लाख रूपये प्रति मेगावॉट की दर से बायबिलिटी गैप फंडिग के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था अनुमन्य की गयी है।
Notice: JavaScript is required for this content.