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1 अप्रैल से शुरू होगी सांझी डेयरी योजना, पशुपालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है लोन: मुख्यमंत्री

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पशुपालन के लिए ऋण, सांझी डेयरी योजना

देश में पशुपालन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक अच्छा जरिया है वहीं रोजगार सृजन का भी माध्यम है। पशुपालन की उपयोगिता को देखते हुए सरकार द्वारा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत लाभार्थी व्यक्तियों को सरकार की ओर से कई प्रकार की आर्थिक सहायता उपलब्ध काराई जाती है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार जल्द ही राज्य में पशुपालन के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे व्यक्ति भी पशुपालन कर सकेंगे जिनके पास पशु रखने के लिए स्वयं की जगह नहीं है। 

यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चरखी दादरी में 39वीं हरियाणा पशुधन प्रदर्शनी-2023 के समापन के अवसर पर कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पशुधन प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही राज्य में पशु पालन के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी भी दी।

शुरू की जाएगी सांझी डेयरी योजना

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में एक नया प्रोजेक्ट सांझी डेयरी की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना के तहत पंचायत की जमीन पर एक शेड बनाया जाएगा, जिसमें पशुपालक, जिनके पास अपने पशु बांधने के लिए जगह नहीं है, वे इस कॉमन शेड में अपने पशुओं को रख सकेंगे। सहकारिता विभाग द्वारा इस कार्य को किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2023 से इस योजना को लॉन्च किया जाएगा।

पशु पालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है बैंक से ऋण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत जिन परिवारों की आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत अधिकतर परिवार पशुपालन के काम में आगे आ रहे हैं, जिनकी सहायता के लिए बैंकों के माध्यम से इन परिवारों को ऋण दिलवाया जा रहा है। इस साल 2 लाख परिवारों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पशुपालन या अन्य किसी कार्य के लिए इन 2 लाख परिवारों के लिए 2000 करोड़ रुपये रिर्जव रखा गया है।

पशुओं की देखभाल के लिए बनाए जाएँगे पॉलीक्लीनिक

मुख्यमंत्री ने बताया कि पशुओं की देखभाल हेतु प्रदेश में छः पॉलीक्लीनिक बनाये जाएंगे। चरखी दादरी में भी एक पॉलीक्लिनिक बनाया जाएगा। वर्तमान में 7 पॉलीक्लिनिक कार्यरत हैं। इसके अलावा, प्रदेश में गौ वंश की देखभाल के लिए गौ सेवा आयोग के बजट में 10 गुणा बढ़ोत्तरी करके 400 करोड़ रुपये कर दिया है।

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