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अब गोदाम में उपज रखकर लोन ले सकेंगे किसान, उचित दाम मिलने पर बेच भी सकेंगे अपनी फसल

Godam me Upaj rakhne par Loan

किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने ई-किसान उपज निधि नाम से नई पहल शुरू की है। इसमें किसान न केवल अपनी उपज को गोदाम में रखकर कम ब्याज दरों पर लोन ले सकेंगे वही उपज का उचित लाभ मिलने पर लोन भी ले सकेंगे। 04 मार्च के दिन केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य और उद्योग तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्‍ली में वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) के ई-किसान उपज निधि (डिजिटल गेटवे) के शुभारंभ किया।

इस अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा कि ‘ई-किसान उपज निधि’ पहल के साथ प्रौद्योगिकी की सहायता से किसानों की भंडारण व्यवस्था सुगम हो जाएगी और किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। किसानों को बिना कुछ गिरवी रखे सात प्रतिशत की ब्याज पर आसानी से लोन मिल सकेगा।

किसानों को देना होगा 1 प्रतिशत सुरक्षा राशि

इस अवसर पर पीयूष गोयल ने घोषणा की कि ज्यादा किसानों, विशेषकर छोटे किसानों को गोदामों का उपयोग करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डब्ल्यूडीआरए पंजीकृत गोदामों पर सुरक्षा जमा शुल्क जल्द ही कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन गोदामों में किसानों को पहले अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना पड़ता था, अब केवल 1 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि के भुगतान करने की आवश्यकता होगी।

किसानों को मिलेगी भंडारण की सुविधा

ई-किसान उपज निधि किसानों द्वारा संकट के समय में उनकी उपज की कम कीमत पर होने वाली बिक्री को रोकेगी। ई-किसान उपज निधि और टेक्नोलॉजी की मदद से किसानों के उपज की भंडारण व्यवस्था आसान हो जाएगी। किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इससे उन किसानों को लाभ होगा जिन्हें संकट के समय कम भाव पर ही अपनी उपज बाज़ार में बेचनी पड़ती थी।

पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि डब्लूडीआरए के अंतर्गत गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है, इनकी स्थिति बहुत अच्छी है और ये बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं, जो कृषि उपज को अच्छी हालत में रखते हैं तथा खराब नहीं होने देते। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदामों के अनिवार्य पंजीकरण और राज्यों के गोदामों से संबंधित बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से तैयार रखने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

7 प्रतिशत की ब्याज दर पर किसानों को मिलेगा लोन

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने ”ई-किसान उपज निधि” प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इससे किसान आसानी से किसी भी पंजीकृत डब्ल्यूडीआरए गोदाम में 6 महीने की अवधि के लिए 7 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज पर भंडारण कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर 1 लाख गोदामों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष 1500 गोदाम पंजीकृत किये गये थे।

ई-किसान उपज निधि और ई-नाम के साथ, किसान एक इंटरकनेक्टिड मार्केट की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर या उससे ज्यादा दाम पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा मिलेगा। सहकारी क्षेत्र के गोदामों को सहायता देने की पहल से किसानों को डब्ल्यूडीआरए गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने के लिए बढ़ावा मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी फसल बेचने पर उचित मूल्य मिल सकेगा।

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