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अब कंपनियां सीधे किसानों के खेतों से खरीदेंगी सब्जियां व अन्य उत्पाद

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किसानों से सब्जियों एवं अन्य उत्पादों की खरीद

देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए जरुरी है कि उनके द्वारा उत्पादित फसलों को सही बाजार मूल्य मिल सके | कई बार किसानों को बाजार में अच्छा भाव न मिलने पर उन्हें सब्जी एवं अन्य बागवानी फसलें फेंकना पड़ता है जिससे किसनों को काफी नुकसान होता है | ऐसे में हरियाणा सरकार ने 20 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) ने कृषि उत्पाद बेचने के लिए 29 कंपनियों से एमओयू किया है | जिससे कंपनियां सीधे किसानों से सब्जियां एवं अन्य उत्पाद खरीद सकती हैं |

हरियाणा सरकार ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से सीधे लाभ देने के लिए 29 समझौते किए गए हैं । इनमें चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार से जुड़ा हुआ एमओयू भी शामिल है जिसके तहत कृषि विद्यार्थी इन्टर्नशिप भी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग में आगे आने वाली कंपनियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब खरीदारों को भी लाभ मिलेगा और बाजार में कीमतें भी कम होगी। एफपीओ किसानों के उत्पादन, बिक्री, गुणवत्ता, पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि में सुधार करेंगे। एफ.पी.ओ. का उद्देश्य किसानों को एकत्रित करके, उनके उत्पादन का उनको अधिक से अधिक मूल्य प्रदान कराना है।

फल, सब्जियां, मसाले व शहद सीधे तौर पर खरीदेंगी कंपनियां 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह कंपनियां प्रदेश के एफ.पी.ओ. को सीधे तौर पर बाजार से जोड़ेंगी। उन्हें अपने उत्पाद मंडी व अन्य स्थानों पर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कंपनियां सीधे खेत से फल, सब्जियां व शहद की खरीद करेगी, ताकि किसान उत्पादक संगठनों को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके जिसके तहत एफ.पी.ओ. को भी अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल पाएगा।

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि एमओयू हस्ताक्षर होने से एफ.पी.ओ. को कंपनियों से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। एम.ओ.यू. के तहत लगभग 60 हजार टन बागवानी फसलें खरीदी जाएंगी। ये एमओयू किसानों की प्रगति को नई दिशा की ओर ले जाएंगे तथा ऐसी मार्केटिंग से किसान खुशहाल और समृद्ध होगें। राज्य में 599 एफ.पी.ओ का गठन हो चुका है और इन किसान उत्पादक कंपनियों के साथ 77,985 से भी अधिक किसानों को जोड़ा जा चुका है। नई एफ.पी.ओ. नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 तक एफपीओ गठन के लक्ष्य को 1000 तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेगें। इन संगठनों से प्रदेश के 16 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा।

बनाई जा रही है मंडियां

किसानों के उत्पादन बढ़ाने एवं बाजार उपलब्ध करवाने के लिए गन्नौर में बागवानी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सोनीपत में मसाला मंडी तथा गुरुग्राम में फूल मंडी बनाई जा रही हैं । इसके अलावा एनसीआर क्षेत्र के किसानों को पेरी अर्बन खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।

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