Home किसान समाचार यूरिया की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र

यूरिया की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र

urea demand

यूरिया की मांग एवं आपूर्ति

इस वर्ष मानसून सीजन में हुई अच्छी बारिश के चलते रबी सीजन में गेहूं, चना एवं सरसों के बुआई क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है | अधिक बुआई होने से यूरिया, डी.ए.पी. एवं अन्य खादों की मांग में भी काफी वृद्धि हुई है | जिससे किसानों को डी.ए.पी. के बाद अब यूरिया खाद लेने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है | यूरिया की बढ़ी हुई मांग एवं केंद्र सरकार द्वारा कम आपूर्ति को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया खाद मुहैया कराने का आग्रह किया है।

चने एवं सरसों के बुआई क्षेत्र में हुई वृद्धि

राजस्थान में रबी सीजन के दौरान सामान्यत: 90 से 95 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई होती है, जिसके लिए 13.50 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता रहती है | इस वर्ष सितम्बर महीने के अंत में अच्छी वर्षा होने की वजह से सरसों एवं चने की बुवाई अधिक क्षेत्र में हुई है | जिसके चलते इस बार बुवाई 1 करोड़ हेक्टेयर रहने का अनुमान है | राज्य में सरसों का क्षेत्र औसतन 27 लाख हैक्टेयर रहता था, जो इस वर्ष बढ़कर 33 लाख हैक्टेयर तक रहने का अनुमान है | जिससे यूरिया की आंकलित मांग 13.50 लाख मैट्रिक टन से बढ़कर 14.50 लाख मैट्रिक टन हो सकती है|

2.48 लाख मैट्रिक टन यूरिया की कमी

राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से अक्टूबर तथा नवम्बर 2021 में 8 लाख मैट्रिक टन यूरिया की मांग की थी, लेकिन आपूर्ति मात्र 5.52 लाख मैट्रिक टन की ही करवाई गई, जिसके कारण नवम्बर माह के अंत तक राज्य में आवंटन के विरुद्ध 2.48 लाख मैट्रिक टन यूरिया की कमी उत्पन्न हो गई | इस स्थिति में राज्य में किसानों के बीच यूरिया की कमी हो गई है | इसका सीधा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा |

इस माह 3.52 लाख मेट्रिक टन यूरिया दिया जाएगा

इसके पूर्व राज्य सरकार ने केन्द्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को पत्र लिखकर एवं दूरभाष पर वार्ता करके राज्य को यूरिया की आपूर्ति बढाने हेतु आग्रह किया था | इसके अतिरिक्त भार सरकार द्वारा हर सप्ताह की जाने वाली वीडियो कांफ्रेंस में भी राज्य सरकार यूरिया की आपूर्ति बढाने के लिए आग्रह करती रही है | राज्य सरकार के द्वारा लगातार यूरिया के मांग किये जाने के कारण केंद्र सरकार ने दिसम्बर माह में 3.52 लाख मैट्रिक टन यूरिया के आवंटन की पूर्ण आपूर्ति किये जाने एवं राज्य को प्रतिदिन कम से कम 5 रैक यूरिया जिसमें 15,000 मैट्रिक टन मात्रा आती है, उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है |

डीएपी की जगह यूरिया का उपयोग करने से हुई मांग में वृद्धि

रबी की बुवाई के दौरान राज्य को डीएपी उर्वरक की कम आपूर्ति होने के चलते किसानों ने विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया का उपयोग किया। जिसके कारण राज्य में यूरिया की आंकलित मांग 13.50 लाख मैट्रिक टन से बढ़कर 14.50 लाख मैट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है।

कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे भण्डारण करने की बजाय अपनी आवश्यकता के अनुसार ही पीओएस मशीन के जरिए निर्धारित 266.50 रूपये प्रति बैग की दर से ही यूरिया खरीदें। कहीं जमाखोरी, कालाबाजारी या मुनाफाखोरी की जानकारी मिले तो स्थानीय कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें, जिससे कि ऎसे लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा सके।

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version