Home विशेषज्ञ सलाह खड़ी फसल में रोग व चूहों की रोकथाम कैसे करें 

खड़ी फसल में रोग व चूहों की रोकथाम कैसे करें 

खड़ी फसल में रोग चूहों की रोकथाम कैसे करें 

खड़ी फसल पर कभी-कभी बहुत से रोग जैसे अल्टरनेटीया, ब्लाइट, गैरूई या रतूआ का हमला हो जाता है, जिस से फसल को भारी नुकसान हो जाता है, जिस से फसल को भारी नुकसान हो जाता है. इस के अतिरिक्त फसल को चूहों से भी भारी नुकसान होता है|

खड़ी फसल को नुकसान

गेहूं में झुलसा रोग में शुरू में निचली पत्तियों पर कुछ पीले कुछ भूरापन लिए अंडाकार धब्बे दिखाई देते हैं| ये धब्बे बाद में किनारों पर कत्थाई भूरे रंग के और बीच में हल्के भूरे रंग के हो जाते हैं| इस की रोकथाम के लिए मैंकोजेब 2 किलोग्राम या जिनेब (75 फीसदी) ढाई किलोग्राम या जीरम (27 फीसदी) साढ़े 3 लीटर को 20 किलोग्राम यूरिया के साथ मिला कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें| इस की जगह प्रोपिकोनेजोल (25 ईसी) के आधा लीटर रसायन को 1000 लीटर पानी को मिलाकर प्रति हेक्टेयर की डॉ से छिड़काव कर सकते हैं|

गेहूं में दूसरा रोग गेरूई या रतूआ भूरे पीले या काले रंग का होता है| इस रोग में पत्तियों पर फफूंदी के फफोले पड़ जाते हैं| जो बाद में बिखर कर अन्य पत्तियों को ग्रसित कर देते हैं| काली गेरूई तना और पत्ती दोनों पर लगती है| इस के उपचार के लिए मैंकोजेब 2 किलोग्राम या जिनेब ढाई किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव किया जा सकता है| पहला छिड़काव रोग दिखाई देते है और दूसरा 10 दिनों छिड़काव रोग दिखाई देते है और दूसरा 10 दिनों के अंतर पर करना चाहिए| एक साथ झुलसा, रतूआ और कारनाल बंट की आशंका होने पर प्रोपिकोनेजोल (25 फीसदी ईसी) के आधा लीटर रसायन को 1000 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करने से फसल को सूराक्षित किया जा सकता है|

चूहों की रोकथाम 

गेहूं में जैसे ही बालियां लगनी शुरू हो जाती हैं वैसे ही चूहे खेत में बिल बना लेते हैं, बालियों में दाना पड़ते ही चूहे फसल को नुकसान पहुंचना शुरू कर देते हैं, ज्यादातर चूहे गाँव के इर्दगिर्द वाले खेत में लगते हैं, क्योंकि घरों के चूहे खेतों में निकलकर आते हैं, किसान जिंक फास्फाईड का इस्तेमाल कर चूहों को अपनी फसल में नुकसान होने से बचा सकते हैं।

जिस क्षेत्र में पानी भरा होता है वहां चूहे नहीं लगते हैं, गन्ना, अरहर लम्बी अवधि की फसलों में चूहे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, जिंक फास्फाईड, एल्युमीनियम फास्फाईड का प्रयोग कर किसान चूहों से छुटकारा पा सकते हैं।

चूहेदानी में एक चूहा बंद करके ऊपर से कई रंग का पेंट डाल दें, चूहा पूरी तरह से रंग-बिरंगा हो जाए, उस रंगबिरंगे चूहे को खेत में छोड़ने से बाकी के चूहे अपने आप भाग जाएंगे, अगर चूहे हमेशा के लिए समाप्त करने हैं तो अपने खेतों में पीपल, आम, बरगद, पाकड़, जामुन, नीम जैसे कई वृक्ष लगाएं, उसमे उल्लू के निवास से चूहे पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं।

पतौरा एक ऐसी घास है जिससे हाथ चिर जाता हैं अगर ये घास काटकर खेत के चारों तरफ लगा दी जाए इससे बाहर के चूहे अन्दर नहीं जाएंगे, खेत के अन्दर देख लें कितने चूहों के छेद हैं, उन चूहों के बिल ढक दें अगले दिन फिर चेक करें कोई बिल खुला तो नहीं है, अगर बिल खुले मिलें तो उबले या भींगे चने डाल दें। चने डालने वाली प्रक्रिया पांच छह दिन करें, सातवें दिन धतूरे और बेसरम के पत्तों को चने में डालकर उबाल लें, इसके बाद ये चने उन बिलों के पास डाल दें, इन जहरीले चनों से चूहे मर जाएंगे।

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version