Home किसान समाचार मधुमक्खी पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर सरकार देगी अनुदान

मधुमक्खी पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर सरकार देगी अनुदान

food processing unit subsidy

खाद्य प्रसंस्करण यूनिट एवं मधुमक्खी पालन हेतु अनुदान

किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इसमें केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा “एक जिला-एक उत्पाद” मिशन शामिल है, जिसमें अलग-अलग राज्यों के ज़िलों को विशेष फसलों के अनुसार बाँटा गया है। जिसके तहत Food Processing Unit (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) लगाने के लिए सरकार द्वारा भारी सब्सिडी एवं अन्य सुविधाएँ दी जाती है।

राजस्थान सरकार ने भी इस वर्ष अपने बजट में राज्य में कृषि जिंसों के बढ़ते हुए उत्पादन, मूल्य संवर्धन एवं निर्यात प्रोत्साहन करने के लिए “राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन” शुरू करने का प्रावधान किया है। जिसके तहत इस वर्ष खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने वाले लाभार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की है।

एक जिला एक उत्पाद के तहत इन फसलों को किया गया है शामिल

उद्योग लगाने हेतु चयनित फसलें
शामिल जिले

लहसुन

प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा एवं बारां

अनार

बाड़मेर एवं जालोर

संतरा 

झालावाड़ एवं भीलवाड़ा

टमाटर व आँवला

जयपुर

सरसों

अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर

जीरा व ईसबगोल (निर्यात आधारित)

जोधपुर संभाग के ज़िले

प्रॉसेसिंग यूनिट लगाने पर कितना अनुदान दिया जाएगा

ऊपर दी गई फसलों के अनुसार चयनित ज़िलों के किसान उद्यमियों को अनुदान देने के लिए सरकार ने बजट में प्रावधान किया है। इसके अनुसार प्रॉसेसिंग यूनिट लगाने पर लाभार्थी व्यक्तियों को 50 प्रतिशत ( अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक) का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। वहीं जोधपुर संभाग में जीरा व इसबगोल की निर्यात आधारित प्रथम 10 प्रसंस्करण इकाइयों को पूँजीगत अनुदान में लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी।

मधुमक्खी पालन पर भी दिया जाएगा अनुदान

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा ददेने के लिए भी किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है। राज्य सरकार मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान करते हुए 5 हजार किसानों को लाभान्वित करेगी। साथ ही भरतपुर में 7 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से Centre of Excellence for Apiculture की स्थापना की जाएगी एवं शहद की गुणवत्ता परीक्षण के लिए मोबाइल लैब भी संचालित की जाएगी। इसके अतिरिक्त श्री गंगानगर ज़िले में शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। 

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version