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सरकार ने इन जिलों को किया सूखा ग्रस्त घोषित, किसानों को मिलेंगे 3500 रुपए

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सरकार ने इन जिलों को किया सूखाग्रस्त घोषित

देश में इस वर्ष मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहा। जहां देश के कई इलाक़ों में बहुत अधिक बारिश से बाढ़ के हालात बने तो वहीं कई जिलों के किसान सूखे का सामना कर रहे हैं। सूखा प्रभावित राज्यों में झारखंड राज्य भी शामिल है। जिसको देखते हुए झारखंड सरकार ने राज्य के 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया है। वहीं सरकार इन किसानों को राहत प्रदान करने के लिए 3500 रुपये की सहायता राशि देने पर विचार कर रही है।

राज्य सरकार ने 2023 के मानसून में हुई बारिश को देखते हुए राज्य के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। इसमें सात जिलों के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त पाए गए हैं। ग्राउंड टूथिंग (जमीनी स्थिति का आँकलन) के आधार पर इन जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। इससे राज्य के करीब 15 लाख से अधिक किसान प्रभावित हैं। इनको सहायता देने के सरकार ने निर्णय लिया है। इसमें कई जिले ऐसे हैं जहां के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किए गए हैं।

17 जिलों के इन प्रखंडों को किया गया सूखाग्रस्त घोषित किया गया है?

राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित करने पर सहमति जता दी है। बीते मानसून में भी सामान्य से करीब आधी खेती में ही बारिश हो पायी थी। खरीफ सीजन में सरकार ने 2.82 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का लक्ष्य रखा था। इसकी तुलना में 16.13 लाख हेक्टेयर में ही धान लगाई गई थी। इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने ग्राउंड टूथिंग कराया था। इसके आधार पर 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। यह जिले और प्रखंड इस प्रकार हैं:-

राँची जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

बेड़ो, बुढ़मू, इटकी, लापुंग,मांडर, नगड़ी, नामकुम, ओरमांझी, रातू, चान्हो, खेलारी।

खूँटी जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

कर्रा।

चतरा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

इटखोरी, मयूरहंड, प्रतापपुर, टंडवा, चतरा, गिद्धौर, हंटरगंज, कान्हाचट्टी, कुंदा, लावालौंग, पत्थलगामा व सिमरिया।

देवघर जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

देवघर, देवीपुर, करौं, मधुपुर, मार्गोमुंडा, मनोहरपुर, पालजोरी, सारठ, सोनारायठारी व सारवां।

धनबाद जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

आगराकुंड, बाघमारा, कतरास, बलियापुर, गोविंदपुर, कालियासोल, निरसा, पूर्वी टुंडी, तोपचांची, टुंडी व धनबाद।

दुमका जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

दुमका, गोपीकांदर, जामा, जरमुंडी, काठीकुंड,मसलिया, रामगढ़, रानेश्वर।

गढ़वा जिला सूखा ग्रस्त प्रखंड

बड़गड़, भवनाथपुर, बिशुनपुर, डंडा, डंडई, धुरकी, कांडी, केतार, मंझगावां, मेराल, रमकंडा, रमना, रंका, बंशीधर नगर, बरडीहा, भंडरिया, चिनिया, गढ़वा, खरौंधी व संगमा।

गिरिडीह जिला सूखा ग्रस्त प्रखंड

बगोदर, डुमरी, गांडेय, सरिया, बेंगाबाद, बिरनी, देवरी, धनवार, गावां, गिरिडीह, जमुवा, पीरटांड़ व तिसरी।

गोड्डा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

बोआरीजोर, गोड्डा एवं पत्थरगामा।

गुमला जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

भरनो, डुमरी एवं बिशुनपुर।

हजारीबाग जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

बड़कागांव, बरकट्ठा, विष्णुगढ़, चौपारण, चुरचु, दारू, हजारीबाग, कटकमदाग, केरेडारी, बरही, चलकुसा, इचाक, कटकमसांडी, पदमा व टाटीझरिया।

जामताड़ा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

फतेहरपुर, जामताड़ा, कुंडहित, नाला, करमांटांड़, विद्यासागर एवं नारायणपुर।

कोडरमा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

डोमचांच, जयनगर, मरकच्चो, चंदवा, कोडरमा एवं सतगावां।

लातेहार जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

बालूमाथ, बरियातू, चंदवा, गारू, हेरहंज, महुवाडांड़, सरयू, बरवाडीह, लातेहार व मनिका।

लोहरदगा जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

किस्को, लोहरदगा,पेसरार, सेन्हा, भंडरा, केरौं एवं कुड़ू।

पाकुड़ जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

अमरापाड़ा एवं पकुड़िया।

पलामू जिला सूखाग्रस्त प्रखंड

मेदिनीनगर, विश्रामपुर, चैनपुर, छतरपुर, हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज, नौडीहा, नावाबाजार, नीलांबर-पीतांबरपुर, पांडु, पांकी, पाटन, पीपरा, रामगढ़, सतबरवा, तरहसी, ऊंटारीरोड, हरिहरगंज, मनातू व पड़वा।

48 प्रखंड हैं गंभीर रूप से प्रभावित

जमीनी स्थिति के आँकलन ने राज्य के 48 प्रखंडों को सर्वे के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित पाया गया है। इसमें चतरा के आठ, देवघर व धनबाद के एक-एक प्रखंड है। गढ़वा के सात, गिरडीह के नौ, हजारीबाग के छः, जामताड़ा के दो, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा व पलामू के तीन-तीन प्रखंड गंभीर रूप से प्रभावित पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त राँची के दो प्रखंड चान्हो और खालरी को भी गंभीर रूप से सूखा प्रभावित पाया गया है।

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