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सूखा प्रभावित किसानों को सरकार देगी 9000 रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान

compensation for crop loss

सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा

इस वर्ष देश में मानसूनी बारिश का वितरण असामान्य रहा है, जिसके चलते कई जिलों में जहाँ अधिक बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है तो कई जिलों में कम बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है | ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में एक बड़ा ऐलान किया है | सरकार ने किसानों को सूखे से प्रभावित फसलों के लिए 9000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का फैसला लिया है |

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभी राज्य के कई क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। छत्तीसगढ़ की सरकार विपदा की हर घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। जिन किसान भाईयों ने अभी खरीफ सीजन में धान, कोदो-कुटकी, अरहर की बुवाई की है, यदि वर्षा के अभाव में उनकी फसल खराब हो जाती है। चाहे उत्पादन हो अथवा न हो, उन्हें सरकार प्रति एकड़ 9000 रुपये की सहायता देगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सूखा प्रभावित किसानों को भी गिरदावरी सर्वे के आधार पर प्रति एकड़ 9000 रुपये के मान से मदद दी जाएगी।

किसान न्याय योजना के तहत भी दी जाएगी सहायता

राज्य में किसानों को राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष-2021 के लिए 14 फसलों पर 9,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | यह 14 फसलें इस प्रकार है – धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, रामतिल, कोदो, कुटकी, कुल्थी, रागी तथा गन्ना |

इसके अलावा खरीफ वर्ष 2020-21 में जिन खेतों में धान लगाई थी यदि किसान उन खेतों में धान को छोड़कर अन्य फसल जैसे कोदो–कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टीफाईड धान, केला, पपीता लगता है, अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10,000 रूपये इनपुट सब्सिडी दी जाएगी | वृक्षा रोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये तीन वर्षों तक दिए जाएंगे |

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4 COMMENTS

    • सर यदि फसल बीमा कराया हो तो फसल बीमा कम्पनी को और यदि नहीं कराया है तब भी अपने यहाँ के स्थानीय कृषि अधिकारियों से सम्पर्क कर सूचना दें।

    • सर अभी झारखण्ड में नहीं है | यदि फसल नुकसान हुई है तो अपने यहाँ के कृषि विभाग के अधिकारीयों से सम्पर्क कर शिकायत करवाएं |

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