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इन तीन नदियों को जोड़ेगी सरकार, 26 जिलों के किसानों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा

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सिंचाई के लिए नदी जोड़ो परियोजना

देश में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई नई परियोजनाएँ शुरू की जा रही है। इस कड़ी में सरकार पार्बती, कालीसिंध एवं चंबल नदी को जोड़ने जा रही है। इसके लिए 28 जनवरी के दिन मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना 5 वर्ष से कम समय में पूरी की जाएगी। जिसकी वर्तमान लागत लगभग 75,000 करोड़ रुपए है। प्रदेश के लगभग 1.5 करोड़ आबादी इस परियोजना से लाभान्वित होगी। यह परियोजना प्रदेश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जैसी समस्याओं का समाधान कर प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।

पानी की कमी वाले 26 जिलों को होगा लाभ

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश और राजस्थान के पानी की कमी वाले 26 जिलों को लाभ होगा। परियोजना से लगभग 5.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही बांधों और बड़े तालाबों में पानी का संचय कर जल-स्तर उठाने में सफलता प्राप्त होगी। पार्बती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से एकीकृत कर इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देते हुए अत्यंत कम समय में मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति बनी है।

मध्य प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश के मालवा और चंबल अंचल में लगभग तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा।

मध्य प्रदेश और राजस्थान के जिलों को मिलेगा लाभ

त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन में इस लिंक परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों में कुल 5.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान करने के साथ-साथ पूर्वी राजस्थान के 13 जिले और मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिये पानी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। समझौता ज्ञापन में लिंक परियोजना के काम का दायरा, पानी का बंटवारा, पानी का आदान-प्रदान, लागत और लाभ का बंटवारा, कार्यान्वयन तंत्र और चंबल बेसिन में पानी के प्रबंधन और नियंत्रण की व्यवस्था शामिल की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि पार्बती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की फीजिबिलिटी रिपोर्ट फरवरी 2004 में तैयार की गई थी तथा वर्ष 2019 में राजस्थान सरकार द्वारा आरसीपी का प्रस्ताव लाया गया था। वर्तमान समझौता ज्ञापन में दोनों परियोजनाओं को एकीकृत कर दिया गया है।

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