कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य
केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष रबी एवं खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं, जिसमें गन्ना, कोपरा एवं कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी अलग से जारी किए जाते हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए देश में उत्पादन होने वाले कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है | केंद्र सरकार ने जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य की मंजूरी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2022–23 सीजन के लिए जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार इस वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा के वादे के अनुरूप दे रही है |
क्या है कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य
वर्ष 2022–23 सीजन के कच्चे जूट (टीडीएन 3 के समतुल्य से टीडी 5 ग्रेड) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,750 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। सरकार के अनुसार यह मूल्य जूट उत्पादन लागत का 60.53 प्रतिशत अधिक दिया जा रहा है | केंद्र सरकार ने मूल्य जारी करते हुए बताया कि किसानों को लागत पर 50% की पालिसी से ज्यादा दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,500 रूपये प्रति क्विंटल रखा था। इस वर्ष जूट के मूल्य में 250 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। जिससे किसानों को महंगाई के कारण लागत में आने वाले खर्च को पूरा किया जा सकता है।
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