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मछली पालन के लिए सरकार दे रही है 70 प्रतिशत अनुदान, 30 अगस्त तक यहाँ करें आवेदन

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ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की उपलब्धता बढ़ाने एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र की सहायक गतिविधियों जैसे पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा इन व्यवसायों को शुरू करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप भारी सब्सिडी भी उपलब्ध कराती है। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य मेंतालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना चला रही है।

योजना के तहत लाभार्थी व्यक्ति को तालाब निर्माण, बोरिंग पम्प सेट की स्थापना, शेड निर्माण आदि मछली पालन के लिए आवश्यक अवयवों पर सब्सिडी दी जाएगी। इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिये 30 अगस्त तक पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना क्या है?

राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार राज्य मेंतालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजनाचला रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के अनुसूचित जाति/ जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के कृषकों को विशेष सहायता उपलब्ध कराना है। योजना के तहत राज्य के इन वर्गों को रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पम्पसेट का अधिष्ठापन, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि संबंधित सहायक इकाइयों का एकपैकेज सहायताप्रदान किया जाना है।

योजना से न केवल आजीविका (खाद्य एवं प्रोटीन सुरक्षा) का साधन उपलब्ध हो सकेगा बल्कि इस वर्ग के मत्स्य पालकों को रोजगार एवं आमदनी का एक ठोस विकल्प भी उपलब्ध हो सकेगा।

योजना के तहत कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा?

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत सरकार रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पम्पसेट का अधिष्ठापन, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि संबंधित सहायक इकाइयों के पैकेज के लिए अनुदान दे रही है। इस पूरे पैकेज की स्थापना की लागत विभाग की ओर से 10.10 लाख रूपये प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। जिस पर लाभार्थी को लागत 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। शेष राशि का वहन लाभार्थी को स्वयं अथवा बैंक ऋण लेकर करना होगा।

यह व्यक्ति ले सकेंगे योजना का लाभ

यह योजना बिहार के सभी जिलों में लागू की गई है, अतः राज्य के सभी किसान योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन कर सकते हैं। एक व्यक्ति/ परिवार को योजना के अंतर्गत अधिकतम एक एकड़ तथा न्यूनतम 0.4 एकड़ जलक्षेत्र अर्थात् 0.5 एकड़ रकवा के तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई का लाभ अनुमान्य होगा।

लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में कमिटी के द्वारा किया जाएगा। इस योजना का लाभ उन्हीं अनुसूचित जाति/ जनजाति के कृषकों को दिया जाएगा जो राज्य योजना के अंतर्गत स्वीकृत/ कार्यान्वित पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।

योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना में अभी बिहार के अनुसूचित जाति / जनजाति / अति पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं, आवेदक के पास स्वयं की निजी भूमि या लीज पर ली गई भूमि उपलब्ध होना चाहिए।

योजनान्तर्गत तालाब निर्माण हेतु लाभुक को निजी/ लीज पर भूमि होना आवश्यक है। तालाब के निजी स्वामित्व हेतु भूस्वामित्व प्रमाण पत्र/ अघतन मालगुजारी रसीद, लीज की भूमि में लीज का निबंधित एकरारनाम / नॉनजुडिशियल स्टांप (1000/- रूपये) पर एकरारनामा (न्यूनतम 09 वर्ष का) आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा। नॉनजुडिशियल स्टांप पर एकरारनामा के मामले में भूस्वामी / स्वामियों से भूस्वामित्व प्रमाणपत्र /रसीद आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा।

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिये 30 अगस्त 2023 तक ऑनलाइन आवेदन मत्स्य निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/Default.aspx पर कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इच्छुक व्यक्ति योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिये 1800-245-6185 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

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