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इस योजना के तहत सरकार मुफ्त में दे रही है सिरोही नस्ल के बकरे

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निःशुल्क सिरोही नस्ल बकरे वितरण योजना

बकरी पालन में जहां लागत कम आती है वहीं इससे पशु पालक अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए बकरी पालन पशु पालन क्षेत्र में रोजगार का एक अच्छा ज़रिया है। बकरी पालन के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा इसके विकास के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत इच्छुक व्यक्तियों को बकरी पालन के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा उच्च नस्लीय पशुधन उत्पादकता के जरिए पशुपालकों के लिए आय एवं रोजगार के संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं।

अब तक मुफ्त में दिए गए 124 सिरोही नस्ल के बकरे

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रवीण सेन ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना के तहत बकरी पालकों को अब तक 124 सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि मानपुरा-माचेड़ी, चाकसू में निःशुल्क बकरा वितरण के लिए शिविर लगाकर पशुपालकों को उच्च नस्लीय बकरों का निशुल्क वितरण किया गया है।

इन ज़िलों में किया गया सिरोही नस्ल के बकरे का वितरण 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना का क्रियान्वयन अभी राज्य के चयनित ज़िलों में किया रहा है। जिसमें अजमेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, जयपुर, नागौर , प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर एवं सिरोही ज़िले शामिल है। यह योजना इन जिलों में उच्च अनुवांशिकी बकरों द्वारा मांस उत्पादन में वृद्धि के लिए अनुवांशिक विकास के लिए चलायी जा रही है।

सिरोही नस्ल के बकरे की विशेषता क्या है?

सिरोही नस्ल के बकरे/बकरी न केवल उच्च गुणवत्तायुक्त मांस उत्पादन हैं बल्कि दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम नस्ल मानी जाती है । अन्य सामान्य नस्लों की तुलना में सिरोही नस्ल की बकरी 2 किलो प्रति दिन तक दूध देती है। ऐसी नस्ल की बकरी में रोग प्रतिरोधक एवं सूखा सहन करने की क्षमता अन्य बकरियों से अधिक होती है। इस नस्ल की बकरियों में एक साथ एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने एवं शीघ्र वजन बढ़ने के कारण पशुपालकों के द्वारा इन्हे पालना पसंद किया जाता है।

इस मौके पर मौजूद लाभार्थी पशुपालकों ने राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि उच्च नस्लीय बकरी पालन से उनकी आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है साथ ही वे अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवा पा रहे हैं।

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